Edited By Supreet Kaur,Updated: 12 May, 2018 10:42 AM
कर्नाटक चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें आम आदमी को एक बार फिर से झटका दे सकती हैं। खबरों के मुताबिक तेल विपणन कंपनियां प्रति लीटर 3 रुपए की बढ़ोतरी करना चाहती हैं, लेकिन कंपनियों को डर है कि यदि अचानक पेट्रोल व डीजल की कीमत बढ़ती है तो...
नई दिल्लीः कर्नाटक चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें आम आदमी को एक बार फिर से झटका दे सकती हैं। खबरों के मुताबिक तेल विपणन कंपनियां प्रति लीटर 3 रुपए की बढ़ोतरी करना चाहती हैं, लेकिन कंपनियों को डर है कि यदि अचानक पेट्रोल व डीजल की कीमत बढ़ती है तो जनता में असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
24 अप्रैल से नहीं बढ़े पेट्रोल-डीजल के रेट
तेल कंपनियों ने 24 अप्रैल से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की है। माना जा रहा है कि तेल कंपनियों ने कर्नाटक चुनाव के चलते तेल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की है। हालांकि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 24 अप्रैल से बदलाव नहीं करना इन्हें स्थिर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनावों के समय यह होना महज संयोग है।
कच्चे तेल की कीमतें उच्च स्तर पर
दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमतें पहले ही तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्पोरेशन के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतें अगले साल 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं। वेनेजुएला और ईरान में सप्लाइ में कमी आने के चलते यह समस्या पैदा हो सकती है। फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेा 77 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर चल रहा है। बैंक का कहना है कि 2019 की दूसरी तिमाही तक यह आंकड़ा 90 डॉलर प्रति बैरल तक हो सकता है। इसकी वजह वैश्विक स्तर पर उत्पादन में कमी की स्थिति है।