Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 May, 2018 07:16 PM
देश की तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कहा है कि पैट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के दायरे में लाया जाना चाहिए।
नई दिल्लीः देश की तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कहा है कि पैट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के दायरे में लाया जाना चाहिए। इंडियन आयल के अध्यक्ष संजीव सिंह ने पैट्रोलियम पदार्थों को जी.एस.टी. के दायरे में लाने की वकालत करते हुए आज कहा कि यह कंपनी और उपभोक्ता दोनों के हित में होगा।
गौरतलब है कि तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी कई मौकों पर पैट्रोल-डीजल को जी.एस.टी. के दायरे में लाने का समर्थन कर चुके हैं किंतु राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण यह अभी संभव नहीं हो पाया है। कंपनी के 2017-18 के वार्षिक वित्तीय परिणाम घोषित करने के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय पैट्रोल-डीजल की कीमतों में बढोतरी नहीं किए पर पूछे गए सवालों के जवाब में सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार से इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिला था।
सिंह ने कहा कि सरकार ने तेल कंपनियों को दैनिक आधार पर कीमतों में संशोधन करने के लिए पूरी छूट दी हुई है। उन्होंने कहा कि पैट्रोल-डीजल के दामों में पहले बढ़ोतरी हो चुकी थी इसलिए कर्नाटक विधानसभा के दौरान 19 दिन तक कंपनी ने कीमत स्थिर रखने का फैसला लिया। कर्नाटक विधानसभा के लिए 12 मई को मतदान होने के एक दिन बाद 14 मई से कंपनी ने दोनों ईंधनों के दामों में फिर से बढोतरी शुरू कर दी और पिछले 9 दिन के दौरान प्रत्येक के दाम दो-दो रुपए प्रति लीटर से अधिक बढ़ चुके हैं।
कंपनी ने पहली बार 20 हजार करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ के आंकड़े को पार किया है। कंपनी का 2017-2018 में शुद्ध लाभ एक साल पहले के 19,106 करोड रुपए से बढकर 21,346 करोड़ रुपए हो गया। इस दौरान परिचालन से होने वाली आय भी 5 लाख करोड़ को पार करते हुए 5,06,428 करोड रुपए हो गई । एक साल पहले यह 4,45,442 करोड रुपए थी। वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का कुल रिफाइन मार्जिन 7.77 डलर प्रति बैरल से बढ़कर 8.49 डॉलर प्रति बैरल हो गया। समाप्त वित्त वर्ष के लिए कंपनी ने 20 प्रतिशत अर्थात दो रुपए प्रति शेयर का अंतिम लाभांश देने की घोषणा की है। इससे पहले पहले 19 रुपए प्रति शेयर प्री बोनस अंतरिम लाभांश दे चुकी है। यह पूछे जाने पर कि तेल की कीमतों में स्थिरता की क्या संभावनाएं हैं, सिंह ने कहा कि इस संबंध में कुछ भी आंकलन करना मुश्किल हैं। कीमतों में ठहराव अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है।