Edited By Supreet Kaur,Updated: 30 Jun, 2018 12:23 PM
जीएसटी परिषद के सदस्य एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने निकट भविष्य में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की संभावना से इंकार करते हुए कहा कि यदि जल्दबाजी में यह निर्णय लिया जाता है तो इससे केन्द्र और राज्य दोनों के...
बिजनेस डेस्कः जीएसटी परिषद के सदस्य एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने निकट भविष्य में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की संभावना से इंकार करते हुए कहा कि यदि जल्दबाजी में यह निर्णय लिया जाता है तो इससे केन्द्र और राज्य दोनों के राजस्व में कमी आएगी।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की दिशा में जीएसटी परिषद सकारात्मक विचार कर रही है लेकिन इसके लिए कोई निर्धारित समय सीमा नहीं बताया। उन्होंने कहा कि यदि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया भी जाता है तो इसकी कोई गांरटी नहीं है कि इस पर 28 फीसदी ही जीएसटी लगेगी क्योंकि यह केन्द्र और राज्यों के राजस्व का बहुत बड़ा माध्यम है और राज्य जीएसटी पर भी कुछ अतिरिक्त कर लगा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपए मासिक या इससे अधिक पर पहुंचता है तो 28 फीसदी जीएसटी स्लैब के कुछ उत्पादों पर इसमें कमी की जा सकती है। बिहार के वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के मासिक राजस्व संग्रह में यदि स्थिरता आती है तो जीएसटी के लिए तीन स्लैब संभव हो सकता है लेकिन इसमें अभी समय लगेगा। मोदी ने कहा कि जीएसटी परिषद रिटर्न फॉर्म को सार्वजनिक करेगी ताकि उस पर आम लोगों की राय ली जा सके और इसके जरिए इसको बहुत ही सरल बनाने की कोशिश की जा रही है।