Edited By rajesh kumar,Updated: 11 Nov, 2020 05:44 PM
फार्मा कंपनी फाइजर की बनाई हुई वैक्सीन कोरोना पर जीत पाने में 90 फीसदी से ज्यादा असरदायक है।फार्मा कंपनी फाइजर द्धारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में 90 प्रतिशत तक असरदायक पाई गई है।
नई दिल्ली: फार्मा कंपनी फाइजर की बनाई हुई वैक्सीन कोरोना पर जीत पाने में 90 फीसदी से ज्यादा असरदायक है। फार्मा कंपनी फाइजर द्धारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में 90 प्रतिशत तक असरदायक पाई गई है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो नवंबर महीने के अंत तक कंपनी की वैक्सीन को बेचने की मंजूरी मिल जाएगी। ऐसे में कंपनी ने इसकी कीमत को लेकर खुलासा कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, फाइजर ने अपने वैक्सीन की कीमत 39 डॉलर (प्रति खुराक 19.5 डॉलर) रखी है। इसी तरह के mRNA वैक्सीन पर काम करने वाले मॉडर्ना ने कीमत 37 डॉलर आंकी है। भारत में इसके दाम यहां कि लॉजिटिक्स और इसपर लगने वाले शुल्क पर निर्धारित होगी। भारत में इसके दाम अन्य देशों की तुलना में कुछ ज्यादा रहने की उम्मीद है।
फाइजर के अनुसार अमेरिका ने पहले ही इसकी 10 करोड़ डोज खरीदने के लिए फाइजर के साथ करार कर लिया है। इसके अलावा वैक्सीन जिन देशों में पहले दी जाएगी उनमें कनाडा, जापान और ब्रिटेन जैसे देश हैं, जिन्होंने कंपनी से पहले ही करार किया हुआ है। वहीं, फाइजर ने एशिया में Distribution के लिए चीन की कंपनी फोसून के साथ करार किया है। भारत ने केवल फाइजर बल्कि वैक्सीन बनाने वाली किसी भी कंपनी के साथ एडवांस खरीद में किसी के साथ कोई समझौता नहीं किया है। ऐसे में साफ है कि कोरोना वैक्सनी के लिए भारत को अभी इंतजार करना होगा।
वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर भारत में आएगी दिक्क्त
कोरोना की इस वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर भारत में संशय बना हुआ है, क्योंकि यहां पर वैक्सीन को स्टोरेज की दिक्कत हो सकती है। इस वैक्सीन को खास कोल्ड स्टोरेज की जरूरत पड़ती है। यह वैक्सीन -94 डिग्री फॉरेनहाइट से कम पर स्टोर होती है। यह वैक्सीन mRNA पर आधारित है, और इसी वजह से भारत में इसके इस्तेमाल को लेकर मुश्किलें आ सकती हैं।