फिलिप मॉरिस ने एफ.डी.आई. पर रोक के बावजूद किया भुगतान

Edited By Isha,Updated: 09 Mar, 2019 11:04 AM

philip morris fdi paid in spite of stopping

सरकार ने शुक्रवार को प्रत्येक घर को स्वच्छ रसोई ईंधन उपलब्ध कराने की योजना के तहत 7 करोड़वां मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन जारी किया। इसके साथ ही कुल 8 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन देने की योजना का 87 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। पेट्रोलियम मंत्री...

बिजनेस डेस्कः फिलिप मॉरिस इंटरनैशनल इंक अपने मार्लबोरो सिगरेट बनाने के लिए भारतीय सांझेदार को वर्षों से विनिर्माण लागत (मैन्यूफैक्चरर कॉस्ट) का भुगतान करती रही है जबकि सरकार ने 9 साल पहले ही इस उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) पर प्रतिबंध लगा दिया था। रॉयटर्स को प्राप्त कम्पनी के आंतरिक दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ है। इन दस्तावेजों में इनवॉइस बिल, कानूनी अनुबंध, ई-मेल और वित्तीय विवरण शामिल हैं। भारत सरकार ने 2010 में सिगरेट विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी ताकि धूम्रपान पर रोक लगाने के प्रयासों को बल मिल सके।

सिगरेट विनिर्माण क्षेत्र में आमतौर पर घरेलू कम्पनियां मौजूद हैं और ऐसे में विदेशी निवेश पर रोक लगाए जाने से उम्मीद की जा रही है कि विदेशी रकम से इसका विस्तार नहीं होगा। सरकार के इस निर्णय के एक साल बाद जापान टोबैको ने कारोबारी मॉडल टिकाऊ न होने का हवाला देते हुए अपना कारोबार समेट लिया था। हालांकि फिलिप मॉरिस भारतीय बाजार में मौजूद रही और अपने कारोबार के परिचालन के लिए दूसरा रास्ता अख्तियार किया। मई 2009 से जनवरी 2018 के दौरान कम्पनी के दस्तावेजों से इसका खुलासा हुआ है।

एफ.डी.आई. पर रोक लगाए जाने से एक साल पहले उसने भारत की कम्पनी गॉडफ्रे फिलिप्स के साथ एक विशेष करार किया था ताकि विश्व प्रसिद्ध मार्लबोरो सिगरेट का स्थानीय स्तर पर उत्पादन किया जा सके।अप्रत्यक्ष तौर पर भुगतान करने से नियामकीय नियमों का उल्लंघन भारत के कुछ पूर्व प्रवर्तन अधिकारियों ने कहा कि विनिर्माण संबंधी लागत का अप्रत्यक्ष तौर पर भुगतान करने से नियामकीय नियमों का उल्लंघन होता है। हालांकि निशीथ देसाई एसोसिएट्स की पार्टनर प्रतिभा जैन जैसे कुछ वकील इससे सहमत नहीं हैं और उन्होंने कहा है कि संघीय नियमों के तहत इस प्रकार के भुगतान को स्पष्ट तौर पर निषेध नहीं किया गया है।

कम्पनी ने नहीं दिया जवाब
​​​​​​भारत में फिलिप मॉरिस के निदेशक (कम्पनी मामले) आर. वेंकटेश ने एक ई-मेल के जवाब में कहा कि गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया के साथ कारोबारी अनुबंध के तहत भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी नियमों का अनुपालन किया गया है लेकिन उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं दी। कम्पनी ने इस बाबत तैयार विस्तृत प्रश्नावली का उत्तर नहीं दिया और न ही विशेष बातचीत के लिए आग्रह किया।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!