Edited By Supreet Kaur,Updated: 04 Oct, 2018 11:39 AM
जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों के लिए माल लादने और उतारने वाली जगह का पिनकोड देना अनिवार्य कर दिया है। इस कदम का मकसद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की संभावित चोरी को रोकना है। पिन कोड का उल्लेख करने से माल की लोडिंग और...
बिजनेस डेस्कः जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों के लिए माल लादने और उतारने वाली जगह का पिनकोड देना अनिवार्य कर दिया है। इस कदम का मकसद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की संभावित चोरी को रोकना है। पिन कोड का उल्लेख करने से माल की लोडिंग और अनलोडिंग प्वाइंट के बीच की वास्तविक दूरी का पता चल जाएगा। इसके साथ ही पिन कोड से बिल की वैधता भी नहीं छुपाई जा सकेगी।
कर चोरी पर लगेगी लगाम
जीएसटीएन के अधिकारियों ने कहा कि ई-वे बिल की वैधता दोनों स्थानों के बीच की दूरी पर निर्भर करती है। ऐसे में एक ही ई-वे बिल पर कई चक्कर लगाने और कर-चोरी करने का अंदेशा था। नियम के मुताबिक, 100 किलोमीटर से कम दूरी तय करने पर ई-वे बिल की वैधता एक दिन होती है। इसके बाद हर 100 किलोमीटर के लिए वैधता एक अतिरिक्त दिन के लिए होगी।
ई-वे बिल व्यवस्था को बनाया जा रहा आसान
इस नए नियम के साथ जीएसटीएन ने कारोबारियों को एक नई सुविधा भी दी है। इसके तहत ई-वे बिल जनरेट करते वक्त अगर कारोबारियों द्वारा दर्ज किया गया इनवॉयस मूल्य बहुत ज्यादा होगा, तो उन्हें एसएमएस के माध्यम से अलर्ट किया जाएगा। इससे वे सुनिश्चित हो पाएंगे कि गलती से मूल्य ज्यादा नहीं दर्ज कर दिया गया है। जीएसटीएन ने कहा कि वह ई-वे बिल व्यवस्था को बेहद सरल बनाने की सतत
कोशिशों के तहत नए फीचर जोड़ रही है।