Edited By rajesh kumar,Updated: 24 Sep, 2020 01:47 PM
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम में अवैध तरीके से पैसे निकाले जाने का मामला सामने आया है। जिसके बाद तमिलनाडु में 5.95 लाख लाभार्थियों के अकाउंट की जांच करने पर करीब 5.38 लाख फर्जी निकले।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम में अवैध तरीके से पैसे निकाले जाने का मामला सामने आया है। जिसके बाद तमिलनाडु में 5.95 लाख लाभार्थियों के अकाउंट की जांच करने पर करीब 5.38 लाख फर्जी निकले। अब संबंधित बैंकों के जरिए फर्जी लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में गई रकम को वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि यह पैसा केंद्र सरकार के अकाउंट में वापस आए। इस प्रक्रिया में अब तक करीब 61 करोड़ रुपए वसूले गए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने बयान में कहा कि 96 कांट्रैक्ट कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं हैं। अपात्र लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए जिम्मेदार पाए गए 34 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। 3 ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों तथा 5 सहायक कृषि अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। ये लोग पासवर्ड के दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार पाए गए थे। 13 जिलों में एफआईआर दर्ज करके संविदा कर्मियों सहित 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
आगे चलकर ऐसी घटनाएं दोबारा न हो तो राज्य सरकार ने केंद्र के साथ विचार-विमर्श करके एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार कर प्रणाली को सुदृढ़ करने का काम शुरू किया है। सरकार ने स्पष्ट किया हैकि पात्र किसान परिवारों की पहचान करने की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है।
ऐसे रोका गया फर्जीवाड़ा
पीएम किसान स्कीम में फर्जी तरीके से करोड़ों रुपए निकाले जाने के बाद राज्य सरकार ने जांच करवाई। जिसके बाद पता चला कि कुछ चालबाज लोगों ने अपात्र व्यक्तियों की बड़ी संख्या में बुंकिग करने के लिए जिला अधिकारियों के लॉग-इन आईडी और पासवर्ड का दुरूपयोग किया था।
जांच में कृषि विभाग द्धारा रखे गए कांट्रैक्ट कर्मचारी भी इस गैरकानूनी कार्य में शामिल पाए गए थे। राज्य सरकार ने तत्काल जिला अधिकारियों के पासवर्ड को बदल दिया था। ब्लॉक स्तरीय पीएम-किसान खातों एवं जिला स्तरीय पीएम-किसान लॉग-इन आईडी को निष्क्रिय कर दिया गया। ताकि फर्जीवाड़ा रुक जाए।