Edited By ,Updated: 13 Sep, 2016 04:33 PM
वैसे तो अपने बैंक खातों में हम खुद ही पैसा जमा कराते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जनधन योजना के तहत खुले करोड़ों खातों में बैंक कर्मी पैसे जमा कर रहे हैं।
नई दिल्लीः वैसे तो अपने बैंक खातों में हम खुद ही पैसा जमा कराते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जनधन योजना के तहत खुले करोड़ों खातों में बैंक कर्मी पैसे जमा कर रहे हैं। जबकि इसके लिए सरकार ने कोई आदेश नहीं दिया है। अंग्रोजी अखबार की खबर के मुताबिक, बैंक कर्मचारी जीरो बैलेंस अकाऊंट्स की संख्या कम करने के लिए जनधन योजना के तहत खुले खातों में एक-एक रुपए जमा करा रहे हैं।
आर.टी.आई. से मिली जानकारी के मुताबिक,18 सरकारी बैंक और उनकी 16 क्षेत्रीय शाखाओं में ऐसे 1.05 करोड़ जनधन खाते हैं, जिनमें एक-एक रुपया जमा है। कुछ खाते ऐसे भी हैं, जिनमें 2 से 5 या 10 रुपए भी जमा हुए हैं। ये पैसे खाताधारकों ने जमा नहीं किए।
20 बैंकों के ब्रांच मैनेजरों ने स्वीकार किया कि उन पर जनधन योजना के तहत खुले जीरो बैलेंस खातों का आंकड़ा कम करने का दबाव है। जीरो बैलेंस अकाऊंट्स में तेजी से कमी आई है। सितंबर 2014 में ऐसे खातों की 76 फीसदी थे, जो अगस्त 2015 में सिर्फ 46 फीसदी रह गए. 31 अगस्त 2016 तक इस योजना के तहत खुले ऐसे खाते सिर्फ 24.35% थे, जिनमें एक भी रुपया नहीं था।
बैंक कर्मचारियों ने माना कि वे इन अकाऊंट्स को एक्टिव रखने के लिए खुद पैसे जमा कराते हैं। इसके लिए एंटरटेनमेंट अलाऊंस, कैंटीन सबसिडी और ऑफिस के रखरखाव जैसे कामों के लिए मिलने वाली रकम भी इस्तेमाल की जाती है। 10 बैंक अधिकारियों ने माना कि इन खातों को चालू रखने के लिए उन्होंने अपनी जेब से पैसे जमा कराए। बहुत सारे खाताधारकों ने कहा कि उन्होंने जब अपनी पासबुक में देखा कि खाते में एक रुपया जमा है तो वो हैरान थे। उन्होंने पता ही नहीं कि एक रुपया उनके अकाऊंट में किसने जमा कराया। एक रुपए बैलेंस वाले खातों में सबसे आगे पंजाब नैशनल बैंक है। पी.एन.बी. में 1.36 करोड़ जनधन खाते हैं, जिनमें से 39.57 का बैलेंस एक रुपया है।