Edited By Isha,Updated: 26 Jan, 2019 09:27 AM
देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले से जूझ रहे पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.)को अब ब्रिटिश हाईकोर्ट से तगड़ा झटका मिला है। 319.68 करोड़ रुपए (4.5 करोड़ डॉलर) की धोखाधड़ी के मामले से जुड़ी पी.एन.बी. की इंटरनैशनल इकाई (पी.एन.बी.आई.एल.) की याचिका को हाईकोर्ट
नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले से जूझ रहे पंजाब नैशनल बैंक (पी.एन.बी.)को अब ब्रिटिश हाईकोर्ट से तगड़ा झटका मिला है। 319.68 करोड़ रुपए (4.5 करोड़ डॉलर) की धोखाधड़ी के मामले से जुड़ी पी.एन.बी. की इंटरनैशनल इकाई (पी.एन.बी.आई.एल.) की याचिका को हाईकोर्ट ऑफ इंगलैंड एंड वेल्स ने खारिज कर दिया है। यह याचिका भारत और अमरीका की 2 कम्पनियों और 7 लोगों के खिलाफ दायर की गई थी। इन लोगों ने 29 मार्च 2011 से 1 दिसम्बर 2014 के बीच ऑयल रिफाइङ्क्षनग और विंड एनर्जी से जुड़े प्रोजैक्ट्स के लिए 8 लोन लिए लेकिन पी.एन.बी.आई.एल. की याचिका के मुताबिक इन्होंने कांट्रैक्ट की शर्तों को तोड़ा है और प्रोजैक्ट से जानकारियां गलत दी हैं।
बैंक अपना पक्ष स्पष्ट करने में रहा असफल
हाईकोर्ट हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा कि बैंक धोखाधड़ी के मामले को साबित करने में असफल रहा। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अगर इस मामले में धोखाधड़ी हुई भी है तो बैंक अपने मामले को पेश नहीं कर पाया है।
कोई भी आरोपी इंगलैंड से नहीं
पी.एन.बी.आई.एल. ने रवि श्रीनिवासन, तृशे रिसोर्सेज इंक (यू.एस.ए.), वत्सल रंगनाथन, पेस्को बीम इंवॉयरनमैंटल सॉल्यूशंस इंक (यू.एस.ए.), पेस्को बीम इनवॉयरनमैंटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, अनंतरमन शंकर, ल्यूक स्टिंगल और अनंतराम सुब्रमण्यम पर आरोप लगाए थे। खास बात यह है कि इन सभी आरोपियों में किसी का भी संबंध इंगलैंड से नहीं है लेकिन कांट्रैक्ट इंगलैंड में हुआ और लोन के लिए बातचीत भी यहीं हुई तथा लोन अकाऊंट भी इंगलैंड में ही है। 2007 से इंगलैंड में कर रही बैंकिंग पी.एन.बी.आई.एल. पूरी तरह से पंजाब नैंशनल बैंक की सब्सिडियरी है और यह 2007 में यू.के. में खोला गया था। यू.के. में इसकी 7 शाखाएं चल रही हैं।