Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Apr, 2018 05:32 PM
एक रिपोर्ट के अनुसार 13,000 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले तथा राजकोषीय घाटा लक्ष्य में चूक सहित अन्य कारकों के चलते जून तिमाही में कंपनी जगत के मनोबल में गिरावट आई। सूचना सेवा कंपनी डन एंड ब्राडस्ट्रीट ने अपनी रिपोर्ट में यह
मुंबईः एक रिपोर्ट के अनुसार 13,000 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले तथा राजकोषीय घाटा लक्ष्य में चूक सहित अन्य कारकों के चलते जून तिमाही में कंपनी जगत के मनोबल में गिरावट आई। सूचना सेवा कंपनी डन एंड ब्राडस्ट्रीट ने अपनी रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें कहा गया है कि कंपनी जगत में का भरोसा पिछले साल सितंबर की तिमाही से बढ़ रहा था और 2018 की पहली तिमाही में यह 91 प्रतिशत की ऊंचाई तक हालांकि कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही में यह 6.6 प्रतिशत घटकर 85 प्रतिशत पर आ गया। इसके अनुसार कंपनियों का सर्वे मार्च में किया गया जबकि बैंकों के धोखाधड़ी मामले पहले ही चर्चा में आ चुके थे।
इसके अनुसार ये मामले बहुत ही गलत समय में सामने आए क्योंकि सार्वजनिक बैंक तो पहले ही गैर निष्पादित आस्तियों एनपीए के संकट से दोचार हो रहे थे। इसमें कहा गया है कि 2018 के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य से अधिक रहना व आगामी वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य में बढ़ोतरी यह दर्शाता है कि सरकार को सार्वजनिक बैंकों के साथ साथ खुद की बैलेंस शीट भी सुधारनी होगी। इसके अनुसार इस बीच पी.एन.बी. घोटाला, अमेरिका में बढ़ता संरक्षणवाद जैसे घटनाक्रम ने भी संभवत: कारोबार जगत की धारणा को प्रभावित किया और कंपनी जगत के आत्मविश्वास का सूचकांक पिछले तिमाही में घटा। हालांकि पिछले साल की तुलना में इस सूचकांक में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।