रुपए की चाल, राजनीतिक समीकरण और FII के रुख से तय होगी शेयर बाजार की दिशा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Mar, 2019 01:31 PM

political equation and fii stance will determine the direction of the stock

बीते सप्ताह घरेलू संस्थागत निवेशकों की मुनाफावसूली के बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के शुद्ध लिवाल बने रहने तथा भारतीय मुद्रा की मजबूती के दम पर घरेलू शेयर बाजार में लगातार पांचवीं साप्ताहिक तेजी दर्ज की गई।

मुंबईः बीते सप्ताह घरेलू संस्थागत निवेशकों की मुनाफावसूली के बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के शुद्ध लिवाल बने रहने तथा भारतीय मुद्रा की मजबूती के दम पर घरेलू शेयर बाजार में लगातार पांचवीं साप्ताहिक तेजी दर्ज की गई। आलोच्य सप्ताह के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 140.29 अंक यानी 0.37 प्रतिशत की साप्ताहिक बढ़त के साथ 38,164.61 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 30.05 अंक यानी 0.26 प्रतिशत की तेजी के साथ 11,456.90 अंक पर बंद हुआ।

आलोच्य सप्ताह के दौरान दिग्गज कंपनियों के विपरीत छोटी और मंझोली कंपनियों पर बिकवाली का दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 94.63 अंक यानी 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,076.89 अंक पर और स्मॉलकैप 78.38 अंक यानी 0.53 प्रतिशत की साप्ताहिक बढ़त के साथ 14,758.80 अंक पर बंद हुआ। आगामी सप्ताह भी शेयर बाजार पर डॉलर की तुलना में रुपए की स्थिति पर निवेशकों की नजर रहेगी। बीते सप्ताह रुपया डॉलर की तुलना में 15 पैसे मजबूत हुआ है। इस दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से बढ़ा। 

देश का विदेशी मुद्रा भंडार गत 15 मार्च को समाप्त सप्ताह में लगातार पांचवीं साप्ताहिक तेजी दर्ज करता हुआ 3.60 अरब डॉलर बढ़कर 405.63 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अगले सप्ताह 29 मार्च को वित्तीय घाटे के आंकड़े जारी होने हैं, जिसका असर शेयर बाजार पर रहेगा। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों का असर भी शेयर बाजार पर रहेगा। ब्रेंट क्रूड वायदा फिलहाल 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बना हुआ जिससे निवेश धारणा को मजबूती मिली है। अगले सप्ताह जारी होने वाले जापान के आर्थिक आंकड़े पर भी निवेशकों ही नजर रहेगी। 

निवेशक इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बदलते राजनीतिक समीकरणों पर भी अपना ध्यान रखेंगे। कई राजनीतिक दलों ने बीते सप्ताह कई लोकसभा सीटों के लिए अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। विश्लेषकों के मुताबिक अगली बार भी नरेंद्र मोदी की सरकार के सत्ता में वापस आने की अधिक संभावना को देखते हुए विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी घरेलू शेयर बाजार में बढ़ी हुई है और इसी वजह से इसमें लगातार पांचवें सप्ताह तेजी रही है। हालांकि, बाजार में बीते सप्ताह मुनाफावसूली भी हावी रही जिससे इसमें अपेक्षाकृत कम तेजी रही। 

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