Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Dec, 2018 01:17 PM
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अपनी विज्ञापन पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। कंपनी ने राजनीतिक पार्टियों द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापनों के लिए कड़े नियम बनाए हैं।
बिजनेस डेस्कः लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अपनी विज्ञापन पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। कंपनी ने राजनीतिक पार्टियों द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापनों के लिए कड़े नियम बनाए हैं।
विज्ञापन एजेंसियों को लिखा पत्र
फेसबुक ने देश भर में कार्यरत विज्ञापन एजेंसियों और व्यक्तिगत विज्ञापनदाताओं को 8 दिसंबर को ई-मेल लिखकर कहा है कि वो ऐसे लोगों का एड्रेस प्रूफ और आइडेंटी भेजें। इस प्रूफ को उनकी भारत में स्थित टीम जाकर के वेरिफाई करेगी।
पहले भेजा जाता था कोड
इससे पहले फेसबुक पर विज्ञापन देने वालों को एक वेरिफिकेशन कोड भेजा जाता है। कोड वेरिफाई होने के बाद विज्ञापन को प्रकाशित कर दिया जाता था।
ऑफलाइन मोड से लगेगा हफ्तों का समय
फेसबुक के इस नियम से अब विज्ञापन प्रकाशित होने में हफ्तों का समय लगेगा। फेसबुक ने कहा है कि वो चुनावों के दौरान शुचिता कायम रखना चाहता है। इसके लिए कंपनी काफी गंभीर है, क्योंकि चुनावों के दौरान लोग भ्रमित करने वाले विज्ञापन भी दे सकते हैं। इसलिए हमने भारत में होने वाले आम चुनावों से पहले यह बड़ा कदम उठाया है।
देश में फेसबुक के 29.4 करोड़ यूजर्स
भारत में फेसबुक के करीब 29.4 करोड़ यूजर्स हैं। ऐसे में यह आम चुनावों के दौरान मतदाताओं पर बड़ा असर डालेगी। भारत से पहले फेसबुक अमेरिका, ब्राजील और युनाइटेड किंगडम में इस तरह के नियम जारी कर चुकी है।
कैंब्रिज एनालिटिका विवाद
चुनाव आयोग की चिंता की वजह यह भी है कि हाल के समय में फेसबुक को लेकर हुआ विवाद किसी से छुपा हुआ नहीं है। ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका इसे लेकर विवादों में घिर चुकी है। उस पर आरोप लगा कि वह यूजर्स की निजी जानकारियों का इस्तेमाल चुनावों में करता आ रहा है। इस कंपनी ने फेसबुक से 8.7 करोड़ लोगों का प्रोफाइल डाटा लीक कर कई देशों के चुनाव परिणाम प्रभावित किया। फेसबुक ने इस साल अप्रैल में 5.62 लाख भारतीय लोगों के डाटा लीक होने की बात स्वीकार की थी। कंपनी की तरफ से इसमें कैंब्रिज एनाटलिटिका का नाम ही लिया गया था। फेसबुक ने कहा था कि ब्रिटिश कंपनी ने इसके लिए उनकी सहमति नहीं ली।