Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Mar, 2019 01:24 PM
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सूचीबद्ध होने वाले ब्रोकरों, शेयर बाजारों और कंपनियों से लिए जाने वाले शुल्क को कम करने तथा म्यूचुअल फंडों और पोर्टफोलियो प्रबंधकों को जिंस
नई दिल्लीः बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सूचीबद्ध होने वाले ब्रोकरों, शेयर बाजारों और कंपनियों से लिए जाने वाले शुल्क को कम करने तथा म्यूचुअल फंडों और पोर्टफोलियो प्रबंधकों को जिंस डेरिवेटिव बाजार में कारोबार करने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी।
सेबी ने बोर्ड की बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा कि जिंस डेरिवेटिव बाजार के नियमन और विकास से संबंधित मामलों में सुझाव देने के लिए जिंस डेरिवेटिव सलाहकार समिति गठित की है। समिति ने सुझाया था कि जिंस डेरिवेटिव बाजार को घरेलू तथा विदेशी संस्थागत भागीदारों के लिए चरणबद्ध तरीके से खोला जाना चाहिए। सुझाव में कहा गया था कि पहले चरण में जिंसों में पहले से कारोबार कर रहे विदेशी निवेशकों को प्रत्यक्ष भागीदारी देने के साथ ही कुछ वैकल्पिक निवेश कोषों, पोर्टफोलियो प्रबंधकों और म्यूचुअल फंडों को मंजूरी दी जानी चाहिए। दूसरे चरण में बैंकों, बीमा एवं पुनर्बीमा कंपनियों तथा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए जिंस डेरिवेटिव बाजार खोले जाने का सुझाव था।
सेबी ने पहले ही घरेलू जिंस बाजार में सक्रिय योग्य विदेशी निकायों तथा चुनिंदा वैकल्पिक निवेश कोषों को मंजूरी दे दी है। म्यूचुअल फंडों और पोर्टफोलियो को मंजूरी दिए जाने से पहले चरण के सुझावों पर पूरी तरह अमल हो गया है। प्रस्ताव के तहत म्यूचुअल फंड सेबी द्वारा पहचाने गए संवेदनशील जिंसों को छोड़ शेयर बाजारों में होने वाले जिंस डेरिवेटिव कारोबार में भाग ले सकेंगे। म्यूचुअल फंडों को इसके लिए उचित कौशल तथा जिंस बाजार में अनुभव रखने वाले विशिष्ट कोष प्रबंधक की नियुक्ति करने की जरूरत होगी। अनुबंधों के भौतिक निस्तारण की स्थिति में पड़े माल के संरक्षण के लिए एक संरक्षक भी नियुक्त करना होगा। पोर्टफोलियो प्रबंधकों के लिए भी इसी तरह के नियम लागू होंगे।
बोर्ड की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बोर्ड के सदस्यों और सेबी के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित किया। उन्हें सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने भारतीय प्रतिभूति बाजार की हालिया प्रगति से अवगत कराया। सेबी ने एक बयान में कहा कि जेटली ने उसकी कई नई मुहिमों की सराहना की। बैठक में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल, आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय, निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती और मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।