Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jun, 2020 11:43 AM
कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान भारत ने दूरदराज के क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं की आपूर्ति की चुनौती का काफी अच्छी तरह से सामना किया है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी
नई दिल्लीः कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान भारत ने दूरदराज के क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं की आपूर्ति की चुनौती का काफी अच्छी तरह से सामना किया है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कान्त ने शुक्रवर को कहा कि भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) ने इस दौरान दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों के दरवाजे तक दक्ष तरीके से वित्तीय सेवाएं पहुंचाई हैं।
कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल वित्त ढांचे और भारत से क्या सबक सीखा जा सकता है, विषय पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए अमिताभ कान्त ने कहा कि डाकघरों ने ग्रामीण और बैकिंग सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में 21 लाख लेनदेन के जरिए 24 मार्च से 23 अप्रैल तक 5.4 करोड़ डॉलर या 408 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराईं। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि देश के 112 आकांक्षी जिलों में प्रौद्योगिकी एक बड़ा बदलाव लाने वाली रही है।
एजेंट लेनदेन के लिए कंप्यूटर, मोबाइल फोन और सूक्ष्म एटीएम का इस्तेमाल किया। इस मौके पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान देश के समूचे वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र ने मजबूत बैंकिंग प्रणाली के जरिए सरकार से लाभार्थियों के खाते में कोष का स्थानांतरण दक्षता से किया।