Edited By Supreet Kaur,Updated: 05 Jul, 2018 09:43 AM
जिला उपभोक्ता फोरम ने डाक अधीक्षक अल्मोड़ा को डाकखाने में पूरे पैसे जमा नहीं करने पर याचिकाकर्ता को आवर्ती जमा खाते में जमा राशि के साथ 20,000 रुपए मानसिक परेशानी व वाद व्यय अदा करने के निर्देश दिए हैं।
बिजनेस डेस्कः जिला उपभोक्ता फोरम ने डाक अधीक्षक अल्मोड़ा को डाकखाने में पूरे पैसे जमा नहीं करने पर याचिकाकर्ता को आवर्ती जमा खाते में जमा राशि के साथ 20,000 रुपए मानसिक परेशानी व वाद व्यय अदा करने के निर्देश दिए हैं।
क्या है मामला
अल्मोड़ा तहसील के भनार गांव निवासी कमलेश पाटनी पुत्र गिरीश चंद्र पाटनी ने उपभोक्ता फोरम में दर्ज शिकायत में कहा है कि उन्होंने 6 मई 2010 को पोखरखाली में महिला अभिकर्ता पुष्पा पंत के माध्यम से 500 रुपए प्रतिमाह का आवर्ती खाता खोला था। इसमें वह महिला अभिकत्र्ता के माध्यम से लगातार 5 सालों तक रुपए जमा करते रहे। 9 मई 2015 को उप-डाकपाल पोखरखाली ने जांच हेतु पास बुक को अपने कब्जे में लिया तो उन्होंने परिवादी को बताया कि उनके खाते में सिर्फ 15,500 रुपए जमा हैं, जबकि महिला अभिकर्ता पुष्पा पंत परिवादी से लगातार किस्तें लेती रही थी। याचिकाकर्ता ने जब अपने पूरे पैसों के भुगतान की मांग की तो डाकघर ने सिर्फ 13,000 रुपए भुगतान की बात कही। परेशान होकर उसने फोरम का दरवाजा खटखटाया।
यह कहा फोरम ने
जहां फोरम के अध्यक्ष डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने वाद को स्वीकार करते हुए डाक अधीक्षक अल्मोड़ा को परिवादी को एक महीने के अंदर उनकी जमा कुल राशि 28,500 और मानसिक क्षतिपूर्ति और वाद व्यय के रूप में 20,000 रुपए अतिरिक्त देने के आदेश दिए हैं। निर्धारित तिथि तक भुगतान न होने पर 7 प्रतिशत की दर पर ब्याज भी देना होगा।