Edited By rajesh kumar,Updated: 06 Nov, 2020 12:26 PM
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था में आई गिरावट एक प्रकार से ‘कोमा’ वाली है, जो थोड़े समय के लिये ही होता है।
चेन्नई: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था में आई गिरावट एक प्रकार से ‘कोमा’ वाली है, जो थोड़े समय के लिये ही होता है।
रफ्तार पकड़ेंगी आर्थिक गतिविधियां
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व चेयरमैन रंगराजन ने सदर्न इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित ‘सिक्की-360’ को संबोधित करते हुए कहा चिकित्सकीय भाषा में कोमा कई साल तक रहता है। लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं जो इससे काफी कम समय में बाहर निकल आते हैं। यह छोटे समय का कोमा होता है। मुद्दे की बात यह है कि जैसे आप धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाएंगे, आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ेंगी।
जीएसटी संग्रह बढ़ा
एक सवाल पर रंगराजन ने कहा अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलने लगे है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह अच्छा रहा है। बिजली की खपत बढ़ रही है। वित्त मंत्रालय के अनुसार अक्टूबर में जीएसटी संग्रह बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये हो गया। फरवरी के बाद पहली बार जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। यह आर्थिक गतिविधियों में सुधार का संकेत है।
अर्थव्यवस्था पकड़ेगी रफ्तार
इसे अधिक स्पष्ट करते हुए रंगराजन ने कहा सितंबर की शुरुआत से मार्च तक आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ेंगी। लेकिन इससे चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कोविड-19 की दूसरी लहर नहीं आती है, तो 2021-22 के अंत तक अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ लेगी।