प्रभु ने ई-कॉमर्स नीति मसौदे पर एक बार और विचार विमर्श का निर्देश दिया

Edited By Supreet Kaur,Updated: 11 Aug, 2018 04:53 PM

prabhu directed a further discussion on the e commerce policy draft

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज अधिकारियों से कहा कि वे ई-कॉमर्स नीति के मसौदे के लिए एक बार और संबंधित पक्षों से परामर्श करें क्योंकि कुछ प्रस्तावों पर आपत्तियां उठाई गई हैं। मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि उसे ई-कॉमर्स नीति के मसौदे पर...

नई दिल्लीः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने आज अधिकारियों से कहा कि वे ई-कॉमर्स नीति के मसौदे के लिए एक बार और संबंधित पक्षों से परामर्श करें क्योंकि कुछ प्रस्तावों पर आपत्तियां उठाई गई हैं। मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि उसे ई-कॉमर्स नीति के मसौदे पर कुछ आपत्तियां मिली हैं जिसके बाद मंत्री ने इन्हें दूर करने के लिए अधिकारियों को संबंधित पक्षों से एक और बार विचार विमर्श करने को कहा है। मंत्री मसौदा तैयार हो जाने पर खुद भी उसकी समीक्षा करेंगे।

ई-कॉमर्स नीति के शुरुआती मसौदे में तेजी से बढ़ते इस क्षेत्र की वृद्धि की गति तेज करने के लिए कई कदम सुझाए गए हैं। इसमें सुरक्षा एवं निजता को देखते हुए उपयोक्ताओं की जानकारियां देश में ही रखे जाने का प्रावधान सुझाया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि किसी भी ऑनलाइन विक्रेता की समूह कंपनी अथवा मार्कीट प्लेस को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तरीके से उसके प्लेटफार्म पर बिकने वाले किसी उत्पाद अथवा सेवाओं के मूल्य को प्रभावित करने की अनुमति नहीं होगी।

मसौदे में तैयार माल रखने पर आधारित बिजनेस से बिजनेस ई-कामर्स मॉडल में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति की सिफारिश की गई है। वर्तमान में इस प्रकार के कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर प्रतिबंध है और केवल मार्कीटप्लेस में ही इसकी अनुमति है।      

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