प्रीपेड ग्राहकों की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें, इनकमिंग कॉल होगा महंगा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Jan, 2019 11:23 AM

prepaid customers are going to grow incoming calls will be costly

टेलीकॉम कंपनियां जल्द ही प्रीपेड ग्राहकों को ग्राहकों को झटका देने वाली हैं। वित्तीय संकट झेल रही देश की तमाम सेवा प्रदाता कंपनियां न्यूनतम रिचार्ज की राशि को बढ़ाने की तैयारी में हैं। मौजूदा समय इसकी दर 35 रुपए है

नई दिल्लीः टेलीकॉम कंपनियां जल्द ही प्रीपेड ग्राहकों को ग्राहकों को झटका देने वाली हैं। वित्तीय संकट झेल रही देश की तमाम सेवा प्रदाता कंपनियां न्यूनतम रिचार्ज की राशि को बढ़ाने की तैयारी में हैं। मौजूदा समय इसकी दर 35 रुपए है, जो बढ़ाकर 75 रुपए की जा सकती हैं। ऐसे में ग्राहकों को मोबाइल पर इनकमिंग चालू रखने के लिए प्रत्येक 28 दिन में यह कीमत चुकानी होगी। इस कारगुजारी पर दूरसंचार नियामक ट्राई छह माह तक रोक लगा सकता है लेकिन अनुमान है कि वित्तीय संकट के मद्देनजर नियामक कंपनियों के खिलाफ ऐसा कदम नहीं उठाएगा। 

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एयरटेल ने दिया संकेत
दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल के सीएमडी सुनील भारती मित्तल ने न्यूनतम रिचार्ज की दरें बढ़ाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि लंबी अवधि की वैधता के दिन अब लद गए हैं। कभी कंपनियां ग्राहकों को नेटवर्क पर जोड़े रखने के लिए लाइफ टाइम रिचार्ज के ऑफर दिया करती थीं। ग्राहकों को नेटवर्क से जुड़े रहने के लिए कम से कम हर महीने 35 रुपए का रिचार्ज कराना अनिवार्य है, जो आने वाले दिनों में प्रति माह 75 रुपए तक पहुंच जाएगा। दूरसंचार क्षेत्र के सूत्रों की माने तो कंपनियां न्यूनतम रिचार्ज के मुद्दे पर लामबंद हैं।

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गतवर्ष नवंबर में जब न्यूनतम रिचार्ज की दर अचानक 35 रुपए की गई थी। तब ट्राई ने उन्हें नोटिस जारी किया था और ग्राहकों को पूरी जानकारी देने को भी कहा था। हालांकि, नियामक ने अचानक न्यूनतम रिचार्ज ग्राहकों पर थोपने को लेकर कंपनियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। 

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BSNL ने नहीं लगाया कोई शुल्क
टेलीकॉम विशेषज्ञों के मुताबिक, देश में तीन प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां हैं, जिसमें जियो द्वारा सेवाएं शुरू करने पर निःशुल्क इनकमिंग जारी रखने को कोई प्लान नहीं पेश किया गया। इसके बाद वित्तीय संकट झेल रही कंपनियों ने उन नंबरों के लिए न्यूनतम रिचार्ज की व्यवस्था लेकर आई, जो कई साल से निःशुल्क इनकमिंग की सुविधा तो ले रहे हैं और यदा-कदा भी रिचार्ज नहीं करा रहे हैं।

ऐसे ग्राहकों की संख्या एक करोड़ से भी अधिक बताई जा रही है। हालांकि, भारत दूरसंचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने फिलहाल इस मसले पर कोई कदम नहीं उठाया है। बीएसएनएल भी वित्तीय संकट झेल रही है पर उसकी सहायता के लिए सरकार खड़ी है। 
 


 

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