Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Nov, 2020 01:51 PM
आम्रपाली की परियोजनाओं के लिए फंड की दिक्कत दूर करने की कवायद शुरू होने जा रही है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट रिसीवर को अब फॉरेंसिक ऑडिटर के साथ मिलकर बिल्डर की 912 करोड़ रुपये की संपत्तियों की नीलामी का प्लान बनाकर पेश...
नई दिल्ली: आम्रपाली की परियोजनाओं के लिए फंड की दिक्कत दूर करने की कवायद शुरू होने जा रही है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट रिसीवर को अब फॉरेंसिक ऑडिटर के साथ मिलकर बिल्डर की 912 करोड़ रुपये की संपत्तियों की नीलामी का प्लान बनाकर पेश करने को कहा है। निर्माण कार्यों के लिए एनपीसीएल बिजली देगी। इसके साथ बायर्स को परियोजनाओं के संबंध में जानकारी ई-मेल के जरिए दी जाएगी। इसके लिए बायर्स को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
ऐसे में अब अनिल शर्मा और आम्रपाली के अन्य अधिकारियों की 912 करोड़ रुपये की संपत्ति की नीलामी की तैयारियां शुरू होंगी। कार्ययोजना तैयार होने के बाद आगे का आदेश कोर्ट देगा। इससे परियोजना को पूरा करने के लिए फंड मिल सकेगा। बायर्स भी अपना बकाया जमा कर रहे हैं। 9 बैंकों के साथ लोन लेने के लिए करार हो चुका है। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि परियोजनाओं के लिए फंड का बंदोबस्त समय रहते कर लिया जाएगा।
सारे केस दिल्ली होंगे ट्रांसफर
बता दें कि सुनवाई के दौरान यूपी पुलिस ने मुकदमे आर्थिक अपराध शाखा को ट्रांसफर करने में देरी का मुद्दा उठाया था। आदेश को नजरअंदाज कर पुलिस ने एफआईआर को ट्रांसफर नहीं किया। जिसके बाद कोर्ट ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। केस ट्रांसफर के लिए 10 जून का समय दिया गया था। इन सबकी मांग हवालात में बंद आम्रपाली के चेयरमैन अनिल शर्मा ने की थी। अब पुलिस को सभी केस दिल्ली ट्रांसफर करने होंगे।
इसके अलावा आम्रपाली की नोएडा-ग्रेटर नोएडा की परियोजनाओं को अब बिजली मिल सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं। शहर में बिजली की सप्लाई करने वाली कंपनी एनपीसीएल से कहा गया है कि परियोजनाओं में निर्माण के लिए अस्थायी कनेक्शन दिए जाएं। वर्तमान बिल को एनबीसीसी जमा करेगी।
बायर्स को हर कदम की जानकारी
बायर्स को आम्रपाली की परियोजनाओं के हर कदम की जानकारी मिलेगी। इसके लिए कोर्ट रिसीवर तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने अपनी वेबसाइट receiveramrapali.in पर लिंक जारी किया है।वेबसाइट ओपन करने पर न्यूजलेटर का लिंक मिलेगी। इसमें परियोजना का विवरण और बायर को अपनी ई-मेल आईडी देनी होगी। इसके बाद संबंधित परियोजना के ताजा अपडेट की जानकारी बायर को उनकी मेल में मिल जाएगी।