Jio प्लेटफॉर्म्स में एक और निवेश की तैयारी, जल्द ही माइक्रोसॉफ्ट खरीद सकती है 2.5% हिस्सेदारी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 May, 2020 01:40 PM

preparation of another investment in jio platforms microsoft may

अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की डिजिटल आर्म जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में 2.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकती है। इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट आरआईएल के साथ बातचीत कर रही।

बिजनेस डेस्कः अमेरिका की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के स्वामित्व वाली जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में 2.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकती है। इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट आरआईएल के साथ बातचीत कर रही। इससे पहले जियो प्लेटफॉर्म्स में एक ही महीने में पांच बड़ी कंपनियों ने निवेश किया। सूत्रों के मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट जियो प्लेटफॉर्म्स में दो बिलियन डॉलर यानी करीब 15 हजार करोड़ रुपए निवेश कर सकती है। इस मामले से वाकिफ दो सूत्रों के हवाले से लाइव मिंट की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

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एक सूत्र ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट अपने डिजिटल पेमेंट्स सेवा को लेकर कई इंडस्ट्री प्लेयर्स से बातचीत कर रही है। दूसरे सूत्र ने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट पहले से ही जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ जुड़ी है और वह अपनी इस भागीदारी को और मजबूत करना चाहती है। हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि माइक्रोसॉफ्ट, जियो प्लेटफॉर्म्स में निश्चित तौर पर निवेश करेगी।

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फरवरी में हुई थी माइक्रोसॉफ्ट-रिलायंस जियो में पार्टनरशिप
इसी साल फरवरी में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने रिलायंस जियो के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की थी। इस पार्टनरशिप के तहत रिलायंस जियो पूरे देश में डाटा सेंटर स्थापित करेगी। इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट की एज्यूर की सेवाएं ली जाएंगी। हालांकि, इस संभावित निवेश को लेकर माइक्रोसॉफ्ट और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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जियो प्लेटफॉर्म्स को अब तक 78562 करोड़ रुपए का निवेश मिला
रिलायंस इंडस्ट्रीज के डिजिटल प्लेटफॉर्म जियो प्लेटफॉर्म्स को अब तक 17.12 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 78562 करोड़ रुपए का निवेश मिल चुका है। इसमें फेसबुक का 43,574 करोड़ रुपए, सिल्वर लेक का 5656 करोड़ रुपए, विस्टा इक्विटी का 11,367 करोड़ रुपए, जनरल अटलांटिक का 6598 करोड़ रुपए और केकेआर का 11,367 करोड़ रुपए का निवेश शामिल हैं।

कर्ज मुक्त कंपनी बनाने का लक्ष्य
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अगस्त 2019 में आरआईएल को मार्च 2021 तक नेट आधार पर कर्ज मुक्त कंपनी बनाने का लक्ष्य तय किया था। कंपनियों को हिस्सेदारी बेचे जाने से कर्ज मुक्ति का लक्ष्य इस साल दिसंबर में ही पूरा हो जाने की उम्मीद है।

रिलायंस इंडस्ट्र्रीज पर मार्च में था 1,61,035 करोड़ रुपए का शुद्ध कर्ज
मार्च तिमाही के अंत में रिलायंस पर 3,36,294 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया था। उस समय कंपनी के पास 1,75,259 करोड़ रुपए की नकदी थी। कर्ज को नकदी के साथ एडजस्ट करने के बाद कंपनी का नेट कर्ज 1,61,035 करोड़ रुपए था। कंपनी पर जो कर्ज बकाया है, उसमें से 2,62,000 करोड़ रुपए का कर्ज रिलायंस के बैलेंसशीट पर है और 23,000 करोड़ रुपए का कर्ज जियो पर है।

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