सरकार के सिंगल यूज प्लास्टिक के फैसले पर कंपनियों की तैयारी, अमेजन करेगी पेपर कुशन का इस्तेमाल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Sep, 2019 02:54 PM

preparation of companies on government s single use plastic decision

मोदी सरकार 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। सरकार का मानना है कि ई-कॉमर्स कंपनियां पैकेजिंग के लिए बड़ी मात्रा में प्लास्टिक इस्तेमाल करती हैं। देशभर में सालाना 1.78 करोड़ टन प्लास्टिक की खपत होती है। इसका 35...

बिजनेस डेस्कः मोदी सरकार 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। सरकार का मानना है कि ई-कॉमर्स कंपनियां पैकेजिंग के लिए बड़ी मात्रा में प्लास्टिक इस्तेमाल करती हैं। देशभर में सालाना 1.78 करोड़ टन प्लास्टिक की खपत होती है। इसका 35 फीसदी हिस्सा पैकेजिंग का है। सरकार के इस फैसले को मद्देनजर रखते कंपनियों ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। 

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70% प्लास्टिक पैकेजिंग प्रोडक्ट कचरा बन जाता है
ई-कॉमर्स कंपनियां पैकेजिंग के लिए 35 फीसदी प्लास्टिक का इस्तेमाल करती हैं जो कि बाद में कचरा बन जाता है। वहीं, मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स की रिपोर्ट कहती है कि 70 फीसदी प्लास्टिक पैकेजिंग प्रोडक्ट कुछ ही समय में प्लास्टिक कचरा बन जाते हैं। पैकेजिंग में ज्यादा प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। दरअसल, ई-कॉमर्स कंपनियां कई परतों में पैकेजिंग करती हैं। इसमें प्लास्टिक, पेपर, बबल रैप, एयर पैकेट, टेप और कार्डबोर्ड कार्टून्स होते हैं। अगर ये रिसाइकल नहीं हो पाते तो कचरा बनकर पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। अभी ई-कॉमर्स कंपनियां प्रोडक्ट की डिलीवरी के बाद पैकेजिंग का कचरा इकट्ठा नहीं करतीं। लोग भी इन्हें फेंक देते हैं।

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अमेजन ने 'पेपर कुशन’ की शुरुआत की
अमेजन इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट (कस्टमर फुलफिलमेंट) अखिल सक्सेना ने एक खास बातचीत में बताया कि उनकी कंपनी पैकेजिंग में सिंगल यूज प्लास्टिक का 7 फीसदी से भी कम इस्तेमाल करती है। जून 2020 तक सिंगल यूज प्लास्टिक पैकेजिंग को 100 फीसदी खत्म करने का लक्ष्य है। कंपनी ने ‘पेपर कुशन’ की शुरुआत की है, जो अमेजन फुलफिलमेंट सेंटर में ‘प्लास्टिक डनेज’ की जगह लेगा। इस पेपर कुशन में प्रोडक्ट को सुरक्षित रखा जा सकेगा। इसे कुछ फुलफिलमेंट सेंटर्स में लॉन्च भी कर दिया गया है। साल के अंत तक इसे सभी सेंटर में लॉन्च कर दिया जाएगा। इससे पैकेजिंग में प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने में मदद मिलेगी।

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पैकेजिंग के लिए रिसाइकल्ड पेपर का उपयोग: फ्लिपकार्ट
फ्लिपकार्ट ने बताया कि प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए कंपनी तीन उपायों पर काम कर रही है। पहला- ब्रांड्स की ओर से ई-कॉमर्स रेडी पैकेजिंग, इसमें ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट की पैकेजिंग इस तरह करेंगे, जिससे ई-कॉमर्स कंपनी उसे सुरक्षित डिलीवर कर सके और एक्स्ट्रा पैकेजिंग की जरूरत न पड़े। दूसरा- पैकेजिंग के लिए रिसाइकल्ड पेपर का उपयोग और तीसरा- मल्टी यूज क्लॉथ जिपर बैग का इस्तेमाल।

दूध के पाउच सिंगल यूज प्लास्टिक नहीं
गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) के मैनेजिंग डायरेक्टर आरएस सोढ़ी ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक में दूध के पाउच नहीं आते, क्योंकि इनकी मोटाई 55 माइक्रोन होती है। नियमों के मुताबिक, 50 माइक्रोन से कम मोटाई की पॉलीथीन के इस्तेमाल पर रोक है। दूध के पाउच 100 फीसदी रिसाइकल होते हैं। अगर इन्हें बेचने जाएं तो 25-30 रुपए किलो के हिसाब से बेच सकते हैं। 

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