Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 11:01 AM
जल्द ही सभी अपनी प्रॉपर्टी की लोकेशन मैप पर देख सकेंगे। जल्द सरकार इसके लिए डिजीटल मैप लाने जा रही है। इसके लिए सरकार ने दिल्ली और नोएडा में पायलट प्रोजैक्ट शुरू भी कर दिए हैं। अब सम्पत्ति की लोकेशन की डिजीटल पहचान बनाई जाएगी और सरकार लोकेशन को...
नई दिल्लीः जल्द ही सभी अपनी प्रॉपर्टी की लोकेशन मैप पर देख सकेंगे। जल्द सरकार इसके लिए डिजीटल मैप लाने जा रही है। इसके लिए सरकार ने दिल्ली और नोएडा में पायलट प्रोजैक्ट शुरू भी कर दिए हैं।
अब सम्पत्ति की लोकेशन की डिजीटल पहचान बनाई जाएगी और सरकार लोकेशन को डिजीटल टैग करेगी। डाक विभाग ने पायलट प्रोजैक्ट की शुरूआत भी कर दी है। इसके तहत हर सम्पत्ति को 6 अंकों व अक्षरों का नंबर दिया जाएगा। वैबसाइट मैप माई इंडिया को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रोजैक्ट की सफलता के बाद पूरे देश में इसे लागू किया जाएगा। ई-लोकेशन से पता खोजने में आसानी होगी और ई-कॉमर्स, ट्रांसपोर्टेशन में वक्त और पैसे की बचत होगी। वैबसाइट इस काम के लिए ‘इसरो’ और नैशनल सैटेलाइट इमेजरी सर्विस ‘भुवन’ की मदद लेगी।
इस परियोजना के तहत आवास तथा व्यवसाय करने की जगह का डिजीटल एड्रैस तैयार होगा ठीक वैसे जैसे व्यक्तिगत पहचान के लिए आधार कार्ड नंबर दिया गया है। डिजीटल एड्रैस में छह अंकों व अक्षरों का एक नम्बर लोगों के पते की पहचान बन जाएगा जो कि काफी छोटा और सरल होगा। सूत्रों के अनुसार शुरुआत में तीन पोस्टल कोड पर यह काम किया जा रहा है, इसमें एक दिल्ली और दूसरा नोएडा का है। पोस्टल एड्रैस डिजीटल होने पर पता लग सकेगा कि प्रॉपर्टी किसके नाम पर है, उसका टैक्स रिकॉर्ड भी देखा जा सकेगा और यह भी पता लग सकेगा कि उस प्रॉपर्टी पर बिजली-पानी और गैस कनैक्शन है या नहीं।