‘मेक इन इंडिया’ को बल देने की तैयारी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 06:42 PM

preparation to strengthen make in india

सरकार ने उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने तथा रोजगार सृजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वकांक्षी कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ की एक कार्य योजना बनाई है जिसमें नीतिगत पहल, वित्तीय प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचा,

नई दिल्लीः सरकार ने उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने तथा रोजगार सृजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वकांक्षी कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ की एक कार्य योजना बनाई है जिसमें नीतिगत पहल, वित्तीय प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचा, सुगम कारोबार, नवाचार और अनुसंधान एवं विकास तथा कौशल विकास जैसे 21 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई है।  

कार्य योजना के अनुसार सरकार ने इन क्षेत्रों के लिए पूंजी उपलब्ध कराने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति और प्रक्रिया को सरल बनाया है और इसका उदारीकरण किया है। रक्षा, खाद्य प्रसंस्करण, दूरसंचार, कृषि, फार्मा, नागरिक उड्डयन, अंतरिक्ष, निजी सुरक्षा एजेंसियों, रेलवे, बीमा और पेंशन तथा चिकित्सा उपकरणों जैसे प्रमुख क्षेत्रों को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिया गया है। हाल में ही केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने चैम्पियन क्षेत्रों के संवर्धन और उनकी सामर्थ्य को समझने के उद्देश्य से 12 निर्धारित चैम्पियन सेवा क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्यान देने के लिए वाणिज्य मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इनमें सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं (आईटी और आईटीईएस), पर्यटन और आतिथ्य सेवाएं, चिकित्सा मूल्यांकन भ्रमण, परिवहन और लॉजिस्टिक सेवाएं, लेखा और वित्त सेवाएं, कानूनी सेवाएं, संचार सेवाएं, निर्माण और उससे संबंधित इंजीनियरिंग सेवाएं, पर्यावरण सेवाएं, वित्तीय सेवाएं और शिक्षा सेवाएं शामिल हैं।

सरकार ने इन क्षेत्रों से संबद्ध मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया है कि निर्धारित चैम्पियन सेवा क्षेत्रों के लिए कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने और उनके कार्यान्वयन के लिए उपलब्ध क्षेत्रीय मसौदा योजनाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। चैम्पियन क्षेत्रों की क्षेत्रीय कार्य योजनाओं को सहायता देने के लिए 5000 करोड़ रुपए का एक कोष बनाने का भी प्रस्ताव है। सूत्रों के अनुसार सरकार का मानना है कि योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी से सेवा क्षेत्रों में की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में इजाफा होगा। लोगों को अधिक नौकरियां मिलेगीं और वैश्विक बाजारों के लिए निर्यात बढ़ेगा।

भारतीय सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी वैश्विक सेवाओं के निर्यात में 2015 में 3.3 प्रतिशत थी जिसे वर्ष 2022 के लिए बढ़ाकर 4.2 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सचिवों के समूह ने प्रधानमंत्री को भेजी गई सिफारिशों में 10 चैम्पियन क्षेत्र निर्धारित किए। इनमें 7 निर्माण संबंधी क्षेत्र और 3 सेवा क्षेत्र हैं। चैम्पियन क्षेत्रों के संवर्धन और उनकी सामर्थ्य को हासिल करने के लिए यह फैसला किया गया कि ‘मेक इन इंडिया’ का प्रमुख विभाग -औद्योगिक नीति और संवद्र्धन विभाग (डीआईपीपी) निर्माण में चैंपियन क्षेत्रों की योजनाओ में प्रमुख भूमिका निभाएगा। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!