Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 10:26 AM
सरकार घरेलू प्राकृतिक गैस के दाम अगले सप्ताह बढ़ाकर इसके दो साल के उच्च स्तर पर कर सकती है। सरकार के इस कदम से सीएनजी महंगी होगी वहीं बिजली व यूरिया उत्पादन की लागत भी बढ़ जाएगी। जानकार सूत्रों ने बताया कि घरेलू क्षेत्रों से उत्पादित होने वाली...
नई दिल्लीः सरकार घरेलू प्राकृतिक गैस के दाम अगले सप्ताह बढ़ाकर इसके दो साल के उच्च स्तर पर कर सकती है। सरकार के इस कदम से सीएनजी महंगी होगी वहीं बिजली व यूरिया उत्पादन की लागत भी बढ़ जाएगी। जानकार सूत्रों ने बताया कि घरेलू क्षेत्रों से उत्पादित होने वाली अधिकतर प्राकृतिक गैस का दाम एक अप्रैल से बढ़ाकर 3.06 डॉलर प्रति एमबीटीयू (प्रति इकाई) किया जाएगा जो कि इस समय 2.89 डॉलर है।
2016 के बाद का होगा उच्चतम स्तर
अमेरिका, रूस व कनाडा जैसे गैस अधिशेष देशों के औसत मूल्य के आधार प्राकृतिक गैस के दाम हर छह महीने तय होते हैं। भारत अपनी आधी गैस आयात करता है जिसकी लागत उसकी घरेलू दर से दोगुने से भी अधिक है। सूत्रों ने कहा कि 3.06 डॉलर प्रति एमबीटीयू की दर एक अप्रैल से छह महीने के लिए लागू होगी। यह दर अप्रैल सितंबर 2016 के बाद की उच्चतम होगी जबकि घरेलू उत्पादों को इसी दर से भुगतान किया गया था।
बिजली उत्पादन की बढ़ेगी लागत
घरेलू उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ने से जहां ओएनजीसी व रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी उत्पादक कंपनियों की आय बढ़ेगी वहीं इससे सीएनजी के दाम बढ़ सकते हैं जिसमें प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल कच्चे माल के रूप में किया जाता है। इससे यूरिया व बिजली उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी। इससे पहले सरकार ने अक्तूबर 2017 से मार्च 2018 के लिए गैस कीमत को बढ़ाकर 2.89 डॉलर प्रति एमबीटीयू किया था। यह दर पूर्व छह महीने के लिए 2.48 डॉलर थी। इसी तरह आलोच्य अवधि की वृद्धि बीते तीन साल में पहली बढ़ोतरी रही।