Edited By Supreet Kaur,Updated: 05 Jun, 2018 01:18 PM
मोदी सरकार इलाज में काम आने वाली सामग्री (औषधीय उत्पादों) को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। मेडिकल उपकरणों की कीमतों पर उठ रहे सवालों को लेकर अब सरकार जल्द ही एक कानून लागू करने वाली है। इससे न सिर्फ उपकरणों की कीमतों में कमी...
नई दिल्लीः मोदी सरकार इलाज में काम आने वाली सामग्री (औषधीय उत्पादों) को मूल्य नियंत्रण के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। मेडिकल उपकरणों की कीमतों पर उठ रहे सवालों को लेकर अब सरकार जल्द ही एक कानून लागू करने वाली है। इससे न सिर्फ उपकरणों की कीमतों में कमी आएगी, बल्कि इनकी जांच गुणवत्ता को लेकर भी ठोस कार्रवाई की जाएगी।
जांच के लिए टीम का गठन
उपकरणों की वजह से किसी को कैंसर या संक्रमण न हो, इसकी जांच के लिए भी अलग से ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की देखरेख में एक टीम तैयार की जाएगी। इस टीम के तहत उपकरण की पैकिंग से लेकर इनके परिवहन और दुष्प्रभावों पर निगरानी रखेगी। टीम से एनओसी मिलने के बाद ही उपकरण बाजार में बिकने के लिए उपलब्ध होगा।
लगेगा जुर्माना और होगी कठोर कार्रवाई
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने बताया कि, 'अब हमारी तैयारी औषधीय उत्पादों की कीमत में बदलाव करने की है। औषधीय उत्पादों के लिए भी उच्चतम मूल्य सीमा होनी चाहिए और सरकार इस दिशा में कदम उठाने जा रही है।' नड्डा ने कहा कि सरकार इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ चुकी है और अब आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए औषधीय कंपनियों पर न केवल जुर्माना लगाया
जाएगा बल्कि उनपर दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।