कम किराया विमानन कंपनियों के लिए महंगा सौदा: आईएटीए प्रमुख

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Dec, 2018 06:31 PM

pricing policy that makes airlines lose too much money is a problem iata chief

अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात संघ (आईएटीए) के प्रमुख एलेक्जेंडर डी. जुनियाक ने कहा हवाई टिकटों की कीमतों में प्रतिस्पर्धा मांग को बढ़ाने में मददगार है लेकिन इस तरह के मूल्य निर्धारण नीति से विमानन कंपनियों को भारी नुकसान होता है

जिनेवाः अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात संघ (आईएटीए) के प्रमुख एलेक्जेंडर डी. जुनियाक ने कहा हवाई टिकटों की कीमतों में प्रतिस्पर्धा मांग को बढ़ाने में मददगार है लेकिन इस तरह के मूल्य निर्धारण नीति से विमानन कंपनियों को भारी नुकसान होता है, जो कि एक समस्य है। भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता घरेलू विमानन बाजार है और यात्रियों की संख्या में अक्टूबर में लगातार 50वें सप्ताह दहाई अंक में वृद्धि दर्ज की गई है।

हालांकि, कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच टिकट के दाम नहीं बढ़ाना और विमान ईंधन की कीमतों में वृद्धि समेत विभिन्न कारकों के चलते घरेलू विमानन कंपनियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। जुनियाक भारतीय विमानन बाजार को लेकर आशान्वित हैं लेकिन बुनियादी ढांचे, कर संरचना और अधिक लागत जैसी चिंताए जताई हैं।

जुनियाक ने कहा, 'बाजार में कामकाज के मामले में, यदि आप मूल्य निर्धारण नीति के लिये दबाव झेलना पड़ता है तो आपको अधिक नुकसान होता है।' उन्होंने कहा कि कम किराया मांग के लिहाज से मजबूत उत्प्रेरक है लेकिन विमानन कंपनियों के लिए यह महंगा सौदा है। उल्लेखनीय है कि सितंबर 2018 में समाप्त तिमाही में तीन भारतीय विमानन कंपनियों इंडिगो, स्पाइसजेट और जेट एयरवेज को नुकसान हुआ था।
 

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