Edited By Supreet Kaur,Updated: 23 Sep, 2019 05:06 PM
फेडरेशन आफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज (फिमी) ने खनिज क्षेत्र में निजी क्षेत्र को उतरने की अनुमति देने की मांग दोहराते हुए सोमवार को कहा कि उद्योग की प्रगति इन दिनों सबसे धीमी दौर से गुजर रही है जिस पर सरकार तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। फिमी के...
नई दिल्लीः फेडरेशन आफ इंडियन मिनरल इंडस्ट्रीज (फिमी) ने खनिज क्षेत्र में निजी क्षेत्र को उतरने की अनुमति देने की मांग दोहराते हुए सोमवार को कहा कि उद्योग की प्रगति इन दिनों सबसे धीमी दौर से गुजर रही है जिस पर सरकार तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। फिमी के अध्यक्ष सुनील दुग्गल एवं महासचिव आर के शर्मा ने कहा कि खनिज क्षेत्र की प्रगति इस समय इसके इतिहास के सर्वाधिक बुरे दौर से गुजर रही है।
रोजगार देने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले इस क्षेत्र की समस्याओं की ओर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने निजी क्षेत्र को इस क्षेत्र में उतरने की अनुमति देने संबंधी अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि इसके व्यापक और दूरगामी परिणाम होंगे। बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न होने के साथ ही विदेशी मुद्रा की आय हो सकेगी। अभी इनके आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा न केवल बचेगी बल्कि विदेशी मुद्रा की आवक बढ़ाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने इस क्षेत्र की नियामक संस्थाओं पर सुचारु एवं उचित रूप से काम न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हें दुरुस्त किये जाने की महती आवश्यकता है। इनकी बेहतर काम न करने से इस क्षेत्र के विकास पर तो असर पड़ती ही है राजस्व की भी हानि होती है। उन्होंने इंडस्ट्रियल और नान मैटालिक खनिज जैसे वोलास्टोनाइट, फ्लूयोराइट आदि को माइनर खनिज में शामिल करने और इसकी अधिसूचना तत्काल जारी करने की मांग की। इसके साथ ही फेडरेशन ने खनिज क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार को पहले से पेश की गयी अपनी मांगों पर तत्काल विचार करने का अनुरोध भी किया।