Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Jul, 2019 01:57 PM
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को नियामकीय विफलताओं के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की आलोचना की। सुब्रमण्यम ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कभी आईएलएंडएफएस में संभावित नकदी संकट का जिक्र नहीं किया।
नई दिल्लीः पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को नियामकीय विफलताओं के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की आलोचना की। सुब्रमण्यम ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कभी आईएलएंडएफएस में संभावित नकदी संकट का जिक्र नहीं किया। आईएलएंडएफए देश की सबसे बड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में से एक है।
सुब्रमण्यम ने एक कार्यक्रम में कहा कि आज देश के समक्ष सबसे बड़ी समस्या दोहरे बही खाते की है। दोहरे बही खाते की समस्या से आशय एक ओर बैंकों की बढ़ती गैर-निष्पादित आस्तियों और दूसरी ओर कंपनियों के बढ़ते कर्ज की समस्या से है। इस वजह से एक ओर बैंकों के कर्ज देने की क्षमता घटी है और दूसरी ओर कंपनियां अपना कर्ज का ब्याज चुकाने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां रिजर्व बैंक हमारे सबसे बेहतरीन संस्थानों में है वहीं आईएलएंडएफएस जैसी विफलताएं भी हैं।
सुब्रमण्यम ने हाल में कहा था कि 2011-12 से 2016-17 के दौरान भारत ने अपने सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर दिखाया है। उनके इस बयान को लेकर काफी विवाद छिड़ा था।