बिजली वितरण कंपनियों पर उत्पादकों का बकाया अक्टूबर में बढ़कर 81 हजार करोड़ रुपए के पार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Dec, 2019 07:17 PM

producers  dues on power distribution companies exceeded

बिजली वितरण कंपनियों पर बिजली उत्पादक कंपनियों का कुल बकाया अक्टूबर 2019 में सालाना आधार पर करीब 48 प्रतिशत बढ़कर 81,010 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। विद्युत मंत्रालय के वेब-पोर्टल प्राप्ति (पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फोर...

नई दिल्लीः बिजली वितरण कंपनियों पर बिजली उत्पादक कंपनियों का कुल बकाया अक्टूबर 2019 में सालाना आधार पर करीब 48 प्रतिशत बढ़कर 81,010 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। विद्युत मंत्रालय के वेब-पोर्टल प्राप्ति (पेमेंट रैटिफिकेशन एंड एनालिसिस इन पावर प्रोक्यूरमेंट फोर ब्रिंगिंग ट्रांसपेरेंसी इन इनवॉयसिंग ऑफ जेनरेटर्स) के अनुसार, अक्टूबर 2018 में वितरण कंपनियों पर उत्पादक कंपनियों का कुल 54,654 करोड़ रुपए का बकाया था। इस साल अक्टूबर में 60 दिन से अधिक पुरानी कुल बकाया राशि 67,143 करोड़ रुपए रही जो साल भर पहले 39,338 करोड़ रुपए थी। 

पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस साल अक्टूबर में बकाया राशि में सितंबर की तुलना में कमी आई है। सितंबर में उत्पादकों का वितरकों पर कुल बकाया 82,548 करोड़ रुपए था। हालांकि 60 दिन की रियायत के बाद का बकाया सितंबर की तुलना में अक्टूबर में बढ़ा है। सितंबर में इस तरह का बकाया 65,155 करोड़ रुपए था। आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के बिजली वितरण कंपनियों की कुल बकाये में अधिक हिस्सेदारी है। कुछ बड़े राज्यों की वितरक कंपनियों ने कुछ बकायों के भुगतान में 913 दिन तक का समय लिया है। 

भुगतान में देरी वाले राज्यों में दिल्ली की वितरक कंपनियों ने कुछ मामलों 939 दिन की देरी की। बड़े राज्यों में आंध्र प्रदेश 913 दिन के साथ सबसे ऊपर रहा। उसके बाद राजस्थान में 912 दिन, बिहार में 912 दिन, हरियाणा में 910 दिन, तमिलनाडु में 908 दिन, मध्यप्रदेश में 897 दिन और तेलंगाना में 890 दिन की देरी हुई। वितरक कंपनियों पर कुल 67,143 करोड़ रुपये के पुराने बकाये में स्वतंत्र बिजी उत्पादकों की 22.46 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 

केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में अकेले एनटीपीसी का वितरक कंपनियों पर 12,271.75 करोड़ रुपए का बकाया है। इसके बाद एनएलसी इंडिया का 4,413.94 करोड़ रुपए, एनएचपीसी का 3,178.42 करोड़ रुपए, टीएचडीसी का 1,883.54 करोड़ रुपए और दामोदर वैली कॉरपोरेशन का 870.92 करोड़ रुपए का बकाया है। निजी कंपनियों में अडाणी पावर का सर्वाधिक 3,201.68 करोड़ रुपए का बकाया है। इसके अलावा बजाज समूह की कंपनी ललितपुर पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड का 2,212.66 करोड़ रुपए और जीएमआर का 1,930.16 करोड़ रुपए बकाया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!