Edited By Isha,Updated: 28 Feb, 2019 03:20 PM
भारत और लैटिन अमेरिकी एवं कैरेबियाई (एलएसी) क्षेत्र के देशों में कृषि , स्वास्थ्य , ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में आॢथक संबंधों को बढ़ावा देने के काफी अवसर हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। मंत्रालय ने वाणिज्य एवं...
बिजनेस डेस्कः भारत और लैटिन अमेरिकी एवं कैरेबियाई (एलएसी) क्षेत्र के देशों में कृषि , स्वास्थ्य , ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में आॢथक संबंधों को बढ़ावा देने के काफी अवसर हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। मंत्रालय ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु के हवाले से कहा कि माल और सेवा क्षेत्र में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बहु - आयामी रणनीति की जरूरत है। प्रभु ने यहां लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई (एलएसी) रणनीतिक आॢथक सहयोग सम्मेलन में राजनयिकों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मंत्रालय ने कहा , भारत एक तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है , जिसकी खाद्य और उर्जा जरूरतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे एलएसी क्षेत्र में भागीदारों के साथ गहरे संबंध पारस्परिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय कंपनियां दाल , तेल - तिलहन और खाद्यान्न की खेती के लिए संयुक्त उद्यम परियोजनाएं विकसित कर सकती हैं , जिनका आयात किया जाता है। इसके अलावा दोनों क्षेत्र डेयरी उद्योग , बीज और दालों में संयुक्त अनुसंधान कर सकते हैं।
इसमें कहा गया है कि भारतीय कंपनियां लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र में आईटी उत्पादों और सेवाओं की मांग को देखते हुए अवसरों का लाभ उठाने की दिशा में काम कर सकती हैं। एलएसी क्षेत्र में 43 देश शामिल हैं और ब्राजील , अर्जेंटीना , पेरू , चिली , कोलंबिया , इक्वाडोर , ग्वाटेमाला , वेनेजुएला , पनामा और क्यूबा भारत के प्रमुख आॢथक एवं व्यापारिक साझेदार हैं। भारत और लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियाई क्षेत्र के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2016-17 में 24.52 अरब डॉलर से बढ़कर 2017-18 में 29.33 अरब डॉलर हो गया।