Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Mar, 2021 02:54 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) की संपत्ति को बाजार में चढ़ाना सरकार और निवेशकों के लिए मूल्य सृजन के सिद्धांत पर आधारित है। इससे बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने और उसके रखरखाव के मामले में व्यापक...
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) की संपत्ति को बाजार में चढ़ाना सरकार और निवेशकों के लिए मूल्य सृजन के सिद्धांत पर आधारित है। इससे बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने और उसके रखरखाव के मामले में व्यापक बदलाव आएगा। संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने (बिक्री और पट्टा पर देना) के विषय पर नीति आयोग द्वारा आयोजित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ राष्ट्रीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए वित्त मंत्री ने बुनियादी ढांचे के समग्र विकास के लिये राज्यों से सहयोग की मांग की।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच सक्रिय सहयोग से राजकोषीय अनिवार्यता और सामाजिक-आर्थिक कल्याण के बीच सही संतुलन कायम करते हुए भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। सीतारमण ने कहा, ‘‘संपत्ति को बाजार में चढ़ाने को न केवल वित्त पोषण व्यवस्था के रूप में देखने की जरूरत है, बल्कि इसके जरिए बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने और उसके रखरखाव के लिये व्यापक बदलाव लाने को लेकर एक समग्र रणनीति के रूप में देखा जाना चाहिए।''
वित्त मंत्री ने इस मौके पर नवोन्मेषी तरीके से पुरानी ढांचागत संपित्तयों की उत्पादकता में सुधार तथा मूल्य सृजन को लेकर सरकार के संकल्प का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संपत्ति को बाजार में चढ़ाना सरकार और निवेशकों के लिए मूल्य सृजन करने के सिद्धांत पर आधारित है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘बुनियादी ढांचे को लेकर हमारा दृष्टिकोण राज्यों द्वारा, राज्यों के लिए है। उनके सहयोग के बिना बुनियादी ढांचे का समग्र विकास न तो व्यवहारिक होगा न ही प्रभावी।''