Edited By Supreet Kaur,Updated: 12 Nov, 2019 09:09 AM
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को बैंकों से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को सुचारू कर्ज प्रवाह सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को कोष की वाकई में जरूरत है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक आफ इंडिया के...
मुंबईः वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को बैंकों से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को सुचारू कर्ज प्रवाह सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को कोष की वाकई में जरूरत है। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के यूनियन बैंक आफ इंडिया के 101वें स्थापना दिवस के मौके पर कहा, ‘‘बैंकों को उन सही ग्राहकों पर ध्यान देना चाहिए जिन्हें कारोबार बढ़ाने के लिए वित्तीय समर्थन की जरूरत है। अर्थव्यवस्था का आधार माने जाने वाले एमएसएमई क्षेत्र को बैंकों से काफी समर्थन की जरूरत है।''
उन्होंने बैंक क्षेत्र में किए गए सुधारों को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘हमने बैंकों के बही खातों को दुरूस्त करने के लिए चार ‘आर' रुख को अपनाया है। इसमें पहचानना (रिकाग्नाइजिंग), उसका समाधान (रिजाल्व), वसूली (रिकवरी), पूंजी डालना (रिकैपिटलाइजेशन) और सुधार (रिफार्म) शामिल हैं। इसके कारण बैंकों में फंसा कर्ज मार्च 2018 में 10.36 लाख करोड़ रुपए से घटकर मार्च 2019 में 9.38 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एनपीए (फंसा कर्ज) 8.96 लाख करोड़ रुपए से कम होकर 7.9 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। उन्होंने बैंकों से वास्तविक आधार पर बिना किसी भय के वाणिज्यिक निर्णय करने को कहा।