Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Nov, 2019 11:30 AM
दिवालिया जेट एयरवेज के मामले में सरकार का कहना है कि जेट के पूर्व कर्मचारियों को रोजगार उपलब्ध करवाना हमारे कार्यक्षेत्र में नहीं आता, यह एयरलाइन के प्रबंधन का काम है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में कहा कि पूर्व
नई दिल्लीः दिवालिया जेट एयरवेज के मामले में सरकार का कहना है कि जेट के पूर्व कर्मचारियों को रोजगार उपलब्ध करवाना हमारे कार्यक्षेत्र में नहीं आता, यह एयरलाइन के प्रबंधन का काम है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में कहा कि पूर्व कर्मचारियों के लिए एक पोर्टल शुरू किया था, उससे कर्मचारियों को नौकरी तलाशने में मदद मिल रही है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने जेट के कर्मचारियों का सवाल उठाया था।
संजय सिंह ने कहा कि उड्डयन मंत्री ने सदन में भरोसा दिया था कि जेट एयरवेज के किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी, उन्हें दूसरी कंपनियों में एडजस्ट कर दिया जाएगा। सरकार ने ये भी कहा था कि एक वेबसाइट लॉन्च की जा रही है जिस पर कर्मचारियों का ब्यौरा होगा। पुरी ने रोजगार के दावे को खारिज करते हुए कहा- नागरिक उड्डयन मंत्रालय में मेरा कार्यकाल जून में शुरू हुआ था, जबकि जेट का संचालन इससे कई महीने पहले बंद हो चुका था। जहां तक पोर्टल की बात है, वो अब भी चल रहा है।
जेट एयरवेज फिलहाल दिवालिया प्रक्रिया में है। वित्तीय संकट की वजह से 17 अप्रैल को एयरलाइन का संचालन बंद हो गया था। जून में कर्जदाताओं ने दिवालिया अदालत में अर्जी दायर कर दी थी। जेट के कर्मचारियों की संख्या 18 हजार थी। बहुत से कर्मचारियों को अभी तक दूसरी नौकरी नहीं मिल पाई।