इस साल सरकारी बैंकों दोगुनी विदेशी शाखाएं बंद करने की योजना

Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Aug, 2018 05:27 PM

psu banks plans closure of 70 overseas offices during this fiscal

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) लागत के मोर्चे पर स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से करीब 70 विदेशी शाखाओं या कार्यालय को बंद करने या तर्कसंगत बनाने में लगे हैं। सूत्रों ने कहा कि अव्यवहारिक विदेशी परिचालनों को बंद किया जा रहा है

नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) लागत के मोर्चे पर स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से करीब 70 विदेशी शाखाओं या कार्यालय को बंद करने या तर्कसंगत बनाने में लगे हैं। सूत्रों ने कहा कि अव्यवहारिक विदेशी परिचालनों को बंद किया जा रहा है जबकि कार्यकुशलता हासिल करने के लिए एक ही शहर या आस-पास के स्थानों में कई शाखाओं को तर्कसंगत बनाने का काम चल रहा है।

सूत्रों ने कहा कि इस क्रम में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की चालू वित्त वर्ष में 70 विदेशी शाखाओं को बंद करने या तर्कसंगत बनाने की योजना है। पिछले वर्ष सरकारी बैंकों ने 35 विदेशी शाखाएं बंद की थी। आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक बैंकों की विदेशी में 159 शाखाएं चल रही हैं, जिसमें से 41 शाखाएं 2016-17 में घाटे में थी।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की नौ विदेशी शाखाएं घाटे में है जबकि बैंक ऑफ इंडिया की आठ और बैंक ऑफ बड़ौदा की 7 शाखाएं घाटे में हैं। सार्वजनिक बैंकों की 31 जनवरी 2018 तक, करीब 165 विदेशी शाखाओं के अलावा अनुषंगी, संयुक्त उद्यम और प्रतिनिधि कार्यालय हैं। 

एसबीआई की सबसे ज्यादा विदेशी शाखाएं (52) हैं, इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (50) और बैंक ऑफ इंडिया (29) का स्थान है। सरकारी बैंकों की सबसे ज्यादा शाखाएं ब्रिटेन (32) और उसके बाद हांगकांग (13) और सिंगापुर (12) में हैं। पिछले साल नवबंर में हुए पीएसबी मंथन में बैंकिंग क्षेत्र के एजेंडे के अनुसार, बैंकों को लागत के लिहाज से कुशल बनाने के लिए विदेशी परिचालन को तर्कसंगत बनाने की दिशा में कदम उठाना है।
 

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