Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Aug, 2017 01:14 PM
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन किताब के जरिए अपनी चुप्पी तोड़ेंगे।
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन किताब के जरिए अपनी चुप्पी तोड़ेंगे। राजन के पद छोड़ने के करीब एक साल बाद उनकी किताब 4 सितंबर को बाजार में आएगी। उन्होंने इस पुस्तक को 'आई डू व्हॉट आई डू: ऑन रिफॉर्म, रेटरिक ऐंड रिजॉल्व' नाम दिया है और इसकी कीमत 699 रुपए रखी गई है। अमेजॉन और फ्लिपकार्ट में प्रीऑर्डर पर यह 24-25 फीसदी छूट के साथ उपलब्ध है।
4 सितंबर को बाजार में आएगी किताब
राजन ने आर.बी.आई. के गवर्नर के तौर पर अपने अंतिम दिनों में कहा था कि बैंक छोड़ने के एक साल तक वह सार्वजनिक बहसों में हिस्सा नहीं लेंगे। उनका कहना था कि आर.बी.आई. गवर्नर की अतिव्यस्त जिम्मेदारी के बाद उनके लिए यह ब्रेक लेना जरूरी होगा और इस दौरान उनके उत्तराधिकारी ऊर्जित पटेल को भी अपने पद पर जमने का मौका मिल जाएगा। अगर राजन ने पिछले एक साल के दौरान नोटबंदी जैसे अहम आर्थिक मुद्दों पर अपनी चुप्पी तोड़ी होती तो आम लोग और मीडिया लगातार उनकी और पटेल की कार्यशैली और नोटबंदी से निपटने के उनके तरीकों की तुलना कर रहा होता। फिर भी इस तरह की अटकलें हैं कि क्या राजन ने नोटबंदी की जानकारी होने के कारण ही इस्तीफा दिया था। इनमें से कुछ अटकलों का जवाब इस किताब में मिल सकता है। राजन के 5 सितंबर को चेन्नई में किताब के विमोचन समारोह में मौजूद रहने की संभावना है।
सरकार से अलग था रुख
राजन 2013 से 2016 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे और इस दौरान उनका अंदाज वही रहा। अमूमन विभिन्न मुद्दों पर उनका रुख सरकारों से अलग ही रहा। राजन ने ऐसे वक्त केंद्रीय बैंक की कमान संभाली जब रुपया 28 अगस्त, 2013 को 68.87 के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था। राजन ने 4 सितंबर को पद संभालते ही देश की बीमार वित्तीय व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई घोषणाएं की थीं।