Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Nov, 2018 05:54 PM
रेलवे से जुड़ी 216 परियोजनाओं की लागत 2.46 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है। केंद्रीय सरकार के स्तर पर चलाई जा रही परियोजनाओं में से 358 परियोजनाएं ऐसी हैं जो विलंब होने अथवा दूसरे कारणों से पीछे चल रही हैं और उनकी लागत बढ़ चुकी है।
नई दिल्लीः रेलवे से जुड़ी 216 परियोजनाओं की लागत 2.46 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है। केंद्रीय सरकार के स्तर पर चलाई जा रही परियोजनाओं में से 358 परियोजनाएं ऐसी हैं जो विलंब होने अथवा दूसरे कारणों से पीछे चल रही हैं और उनकी लागत बढ़ चुकी है। इनमें से 60 प्रतिशत परियोजनाएं रेलवे की हैं।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की जुलाई, 2018 की रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे की 216 परियोजनाओं की लागत में 2.46 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। सांख्यिकी मंत्रालय 150 करोड़ रुपए या उससे अधिक की केंद्रीय क्षेत्र की परियोजनाओं की निगरानी करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 216 परियोजनाओं की कुल मूल लागत 1,65,343.22 करोड़ रुपए है। अब इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत 4,12,160.04 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है यानी इन परियोजनाओं की लागत 149.28 प्रतिशत बढ़ी है। मंत्रालय ने जुलाई में भारतीय रेलवे की 350 परियोजनाओं की निगरानी की। रिपोर्ट से पता चलता है कि इनमें से 65 परियोजनाओं में तीन महीने से 374 माह की देरी हुई है।
रेलवे के बाद बिजली क्षेत्र ऐसा है जिसकी परियोजनाओं की लागत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। मंत्रालय की निगरानी वाली बिजली क्षेत्र की 110 परियोजनाओं में से 45 की लागत 63,973.82 करोड़ रुपए बढ़ी है। इन 45 परियोजनाओं की मूल लागत 1,78,005.08 करोड़ रुपए थी जो अब बढ़कर 2,41,978.90 करोड़ रुपए हो गई है। बिजली क्षेत्र की 110 परियोजनाओं में से 36 में एक महीने से 135 महीने का विलंब हुआ है।