रेलवे कर रहा 1,00,000 वैगन खरीदने की तैयारी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Apr, 2022 02:46 PM

railways preparing to buy 1 00 000 wagons

कोयले की ढुलाई की मांग बढ़ने व माल ढुलाई बास्केट के आक्रामक विविधीकरण को देखते हुए भारतीय रेलवे अगले 3 वित्त वर्षों में 1,00,000 और वैगन खरीदने पर विचार कर रहा है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खरीद योजना में ज्यादातर बॉक्‍स एन वैगन...

नई दिल्लीः कोयले की ढुलाई की मांग बढ़ने व माल ढुलाई बास्केट के आक्रामक विविधीकरण को देखते हुए भारतीय रेलवे अगले 3 वित्त वर्षों में 1,00,000 और वैगन खरीदने पर विचार कर रहा है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खरीद योजना में ज्यादातर बॉक्‍स एन वैगन होंगे, जिनका इस्तेमाल कोयले की ढुलाई में होता है। 

उल्लेखनीय है कि रेलवे ने हाल ही में वैगन की खरीद के लिए 35,000 करोड़ रुपए की निविदा जारी की थी, जो 2018 से योजना में है। अधिकारी ने कहा, 'माल ढुलाई बढ़ने को लेकर हमारा बजट अनुमान रूढि़वादी है। हम इस बार ढुलाई के आंकड़ों पर जोर दे रहे हैं। हम चाहते हैं कि इस साल और मध्यावधि के हिसाब से आंकड़ों में सुधार हो।' बजट के मुताबिक रेलवे का माल ढुलाई  सालाना लक्ष्य 2022-23 में बढ़ाकर 147.5 करोड़ टन करना है, जिससे 1.65 लाख करोड़ रुपए राजस्व आने का अनुमान है।

राष्ट्रीय रेलवे योजना (एनआरपी) के तहत केंद्र सरकार केंद्र सरकार माल ढुलाई के आंकड़ों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करने को इच्छुक है और 2030 तक ढुलाई में हिस्सेदारी बढ़ाकर 45 प्रतिशत तक करने की योजना है। सरकार के अनुमान के मुताबिक 2026 तक माल ढुलाई की कुल मांग 530 करोड़ टन होगी और 2031 तक 822 करोड़ टन हो जाएगी।

इस वित्त वर्ष में 141.8 करोड़ टन माल ढुलाई की जरूरत होगी, जिससे कि 2031 तक एनआरपी का 360 करोड़ टन ढुलाई का लक्ष्य हासिल किया जा सके। मध्यावधि के हिसाब से 2024 तक 200 करोड़ टन ढुलाई का लक्ष्य रखा गया है। कुछ प्रमुख वैगन आपूर्तिकर्ताओं के मुताबिक अब तक हिस्सेदारों से विमर्श नहीं किया गया है, लेकिन रेलवे बोर्ड के साथ पहले हुई चर्चा के दौरान उद्योग रोलिंग या सालाना आधार पर वैगनों की आपूर्ति बढ़ाने को इच्छुक थे।

अधिकारी ने कहा कि यह योजना अभी शुरुआती अवस्था में है और रेल से ढुलाई की संभावित मांग आगे की दिशा तय करेगी। प्रमुख वैगन सप्लायर टैक्समाको रेल ऐंड इंजीनियरिंग के प्रबंध निदेशक आशीष कुमार गुप्त का मानना है कि मेगा टेंडर लाने के ठीक बाद एक और बड़ा ऑर्डर जारी हो सकता है। उन्होंने कहा, 'नई वैगन खरीद योजना मूर्त रूप लेती है तो यह स्वागत योग्य कदम है। हाल में पेश की गई निविदा लंबे समय बाद आई है, जिसकी आपूर्ति के लिए क्षमता बढ़ाने में ज्यादा निवेश की जरूरत होगी। 1 लाख वैगन का और ऑर्डर उद्योगों की परीक्षा साबित हो सकता है, जिसमें क्षमता बढ़ाना बड़ी चुनौती नहीं होगी। ऑर्डर बढ़ने के साथ हम तेजी से अपनी उत्पादन क्षमता को अपग्रेड कर सकते हैं।'

अपनी आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए रेलवे को अपने पुराने पड़ चुके वैगनों को भी हटाने की जरूरत होगी। गुप्ता ने कहा, 'मौजूदा बेड़े में 10-12 प्रतिशत को बदलने की जरूरत है।'

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