खर्चों में कटौती के लिए रेलवे ने उठाया बड़ा कदम, अंग्रेजों के जमाने की खास सेवा की बंद

Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Jul, 2020 02:09 PM

railways took big step to cut expenses special service of british era of bandh

रेलवे ने लागत कम करने के लिए अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही डाक मैसेंजर सेवा को बंद करने का फैसला किया है। गोपनीय दस्तावेजों को भेजने के लिए इसका इस्तेमाल होता था। रेलवे ने अपने विभिन्न जोन अब वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग

बिजनेस डेस्कः रेलवे ने लागत कम करने के लिए अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही डाक मैसेंजर सेवा को बंद करने का फैसला किया है। गोपनीय दस्तावेजों को भेजने के लिए इसका इस्तेमाल होता था। रेलवे ने अपने विभिन्न जोन अब वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कम्युनिकेट करने को कहा है। रेलवे बोर्ड ने 24 जुलाई को विभिन्न जोनों को भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि लागत घटाने और प्रतिष्ठान से जुड़े खर्च बचाने के लिए रेलवे पीएसयू/रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत होनी चाहिए। पर्सनल मैसेंजर/डाक मैसेंजर की बुकिंग तुरंत बंद होनी चाहिए।

बोर्ड का कहना है कि इस निर्देश का पालन सुनिश्चित होना चाहिए क्योंकि इससे भत्तों, स्टेशनरी, फैक्स आदि पर होने वाले खर्च की बचत होगी। डाक मैसेंजर असल में चपरासी होते हैं जिन्हें संवेदनशील दस्तावेजों को रेलवे बोर्ड से विभिन्न विभागों, जोनों और डिवीजनों को पहुंचाने की जिम्मेदारी दी जाती है। अंग्रेजों ने यह व्यवस्था उस दौर में शुरू की थी जब इंटरनेट और इमेल की व्यवस्था नहीं थी। लागत कम करने के लिए रेलवे ने इससे पहले भी कई कदम उठाए हैं। नए पदों के सृजन पर रोक लगाई गई है, वर्कशॉप्स में कर्मचारियों की संख्या सीमित की गई है और काम को आउटसोर्स किया गया है।

लागत कम करने पर जोर
रेलवे बोर्ड ने साथ ही जोनों को कर्मचारियों पर होने वाले खर्च को कम करने, कर्मचारियों की संख्या कम करने और उन्हें अलग-अलग कामों के लिए तैयार करने की सलाह दी थी। बोर्ड ने उन्हें कॉन्टैक्ट्स की समीक्षा करने, बिजली खपत कम करने तथा प्रशासनिक तथा दूसरे खर्च कम करने को कहा है। साथ ही यह निर्देश दिया गया है कि सारा फाइल वर्क डिजिटल में शिफ्ट किया जाना चाहिए और आपसी संवाद सुरक्षित ई-मेल के जरिए होना चाहिए। साथ ही स्टेशनरी आइटम, कार्टिजेज और दूसरे आइटम की लागत 50 फीसदी तक कम की जानी चाहिए। जोनों से घाटे में चल रहे विभागों को बंद करने को कहा गया है।

अधिकारियों का कहना है कि आज अधिकांश कम्युनिकेशन ईमेल के जरिए होता है, इसलिए डाक मैसेंजर्स की कोई उपयोगिता नहीं रह गई है। बोर्ड के ताजा निर्देश के साथ ही आधिकारिक रूप से उनका इस्तेमाल खत्म हो गया है।
 

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