राजनाथ सिंह ने कहा- उद्योग बन गया है साइबर अपराध, जताई चिंता

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 02:37 PM

rajnath singh has said that the industry has become cyber crime

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने साइबर (आपस में जुटे कंप्यूटरों के विश्वव्यापी जाल) की दुनिया में सेंधमारी जैसे अपराधों पर चिंता जताते हुए आज कहा कि इस तरह के अपराधों का दुनिया भर में एक उद्योग बन गया है। उन्होंने कहा कि संसाधनों के गलत हाथ में...

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने साइबर (आपस में जुटे कंप्यूटरों के विश्वव्यापी जाल) की दुनिया में सेंधमारी जैसे अपराधों पर चिंता जताते हुए आज कहा कि इस तरह के अपराधों का दुनिया भर में एक उद्योग बन गया है। उन्होंने कहा कि संसाधनों के गलत हाथ में होने से इस तरह के अपराध अक्सर हो रहे हैं। सिंह ने कहा कि इंटरनेटप्रसार और स्वप्रेरित- कट्टरता से कानूनी एजेंसियों की चिंताएं और बढ़ीं  हैं। इंटरनेट पर कट्टरता को प्रेरित करने वाली सामग्रियों की उपलब्धता बने रहने से  समाज और मानवता में भारी परिवर्तन होने की संभावना है।

गृह मंत्री ने यहां पुलिस प्रमुखों के अंतरराष्ट्रीय एसोसिएशन (आईएसीपी) के दो दिवसीय एशिया प्रशांत सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान यह बात कही। इस सम्मेलन का विषय- 2020 में पुलिस के काम की चुनौतियां- किस तरह साइबर संसार साइबर अपराध और  आतंकवाद के प्रति हमारे दृष्टिकोण को आकार दे रहा है, हम इसके अंदर कैसे चलें और कैसे इसका लाभ उठाएंगे। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा तंत्र की अनुपलब्धता,  कम्प्यूटर मालवेयर और साइबर क्षेत्र से जुड़ी अन्य घटनाएं और अपराध मानव जीवन को प्रभावित करते हैं। राजनाथ ने कहा, मुझे डर है कि साइबर हमले बराबर होते रहेंगे । साइबर हमलों में इस्तेमाल किए जाने वाले औजार पहले से मौजूद हैं। अगले दश में उनमें और अधिक सुधार होगा। हम पहले से ही इस तरह के हमलों की संख्या में वृद्धि देख रहे हैं।

सिंह ने कहा कि साइबर अपराध एक उद्योग बन गया और साइबर अपराध में प्रयुक्त होने वाले कई उपकरण और प्रौद्योगिकी को सेवाओं के रूप में पेशकशकिया जा रहा है।  यहां तक कि नौसिखिए आपराधी भी थोड़ा सा धन खर्च कर इस तरह की सेवाएं ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि आईओटी, आभासी मुद्रा, उन्नत मालवेयर, कृत्रिम समझ जैसी नई प्रौद्योगिकियां साइबर अपराध के इस जाल को तेजी से फैला रही हैं। पुलिस को अब तेजी से बदल रही इन प्रकार की प्रौद्योगिकी से मुकाबला करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवाओं का डिजिटलीकरण हो रहा है। लेकिन इसके साथ प्रक्रियाओं को पर्याप्त मजबूत बनाने तथा नियंत्रण और निगरानी की व्यवस्था पर पर्याप्त ध्यान न दिए जाने की कमजोरी का फायदा धोखेबाज उठा रहे हैं तथा नए प्रकार के आर्थिक अपराध हो रहे हैं। सिंह ने कहा कि जोखिम अनेको प्रकार के है। दुर्भाग्य से पूरी सावधानी बरतने पर भी 100 प्रतिशत गारंटी नहीं दी जा सकती कि ऐसे अपराध नहीं होंगे पर ऐसे कुछ उपाय जरूर हैं जिन्हें कर के आप लोग (पुलिस) ऐसे अपराधों और जोखिमों को कम जरूरर कर सकते हैं।                       
 

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