Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Apr, 2018 09:47 AM
बाबा रामदेव नीत पतंजलि आयुर्वेद कम्पनियों की खरीद की दौड़ में है। यद्यपि कम्पनी ने इस बात का खंडन किया है कि उसने राष्ट्रीय कम्पनी कानून प्राधिकरण (एनसीएलटी) के तहत सरकारी प्रक्रिया के जरिए कर्जे में डूबी रुचि सोया इंडस्ट्री लिमिटेड (आर.एस.आई.एल.)...
नेशनल डेस्कः बाबा रामदेव नीत पतंजलि आयुर्वेद कम्पनियों की खरीद की दौड़ में है। यद्यपि कम्पनी ने इस बात का खंडन किया है कि उसने राष्ट्रीय कम्पनी कानून प्राधिकरण (एनसीएलटी) के तहत सरकारी प्रक्रिया के जरिए कर्जे में डूबी रुचि सोया इंडस्ट्री लिमिटेड (आर.एस.आई.एल.) का अधिग्रहण करने के लिए 9000 करोड़ रुपए की बोली लगाई है। भारत की सबसे बड़ी खाद्य तेल बनाने वाली कम्पनी को खरीदने में 26 कम्पनियों ने रुचि दिखाई थी मगर कहा जाता है कि पतंजलि इस दौड़ में सबसे आगे है।
पतंजलि अब न केवल अपने बल पर फंड एकत्रित कर रही है बल्कि कई और भी कम्पनियां हैं जो बाबा रामदेव की मदद को आगे आ रही हैं। इस कम्पनी को खरीदने के लिए कम्पनियों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और अंतिम फैसला 15 मई को हो सकता है। कम्पनी ने कहा है कि वह 2000 करोड़ रुपए से अधिक की बोली नहीं लगाएगी मगर किसी को भी पतंजलि के बयान पर विश्वास नहीं क्योंकि यह कभी भी स्वीकार नहीं करेगी कि वह इतनी बड़ी राशि में रुग्ण कम्पनी खरीद रही है।
रुचि सोया खाद्य तेल बनाने वाली सबसे बड़ी कम्पनी है जो 3.72 एम.टी.पी.ए. तेल बनाने की क्षमता रखती है। यह देश में सबसे अधिक खाद्य तेल व सोया खाद्य बनाने वाली फैक्टरी है। इसकी मार्कीट कीमत 10,000 करोड़ रुपए से अधिक है। इसके रुग्ण होने का मुख्य कारण आंतरिक स्थिति और सरकार की सस्ती आयात नीति है। इसका कर्जा 31 दिसम्बर, 2017 को बढ़कर 12,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया और यह कम्पनी एन.पी.ए. बन गई।