Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jun, 2022 12:24 PM
बेरोजगारी इस समय देश के सामने बड़ी समस्या बन गई है। कोरोना के कारण आर्थिक गतिविधियों पर बुरा असर हुआ जिसके बाद करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए। हालांकि, कामकाज दोबारा ट्रैक पर लौट रहा है जिसके कारण रोजगार के मामले तेजी से बढ़ ऊी रहे हैं।
बिजनेस डेस्कः बेरोजगारी इस समय देश के सामने बड़ी समस्या बन गई है। कोरोना के कारण आर्थिक गतिविधियों पर बुरा असर हुआ जिसके बाद करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए। हालांकि, कामकाज दोबारा ट्रैक पर लौट रहा है जिसके कारण रोजगार के मामले तेजी से बढ़ ऊी रहे हैं। श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में संगठित क्षेत्र में रोजगार बढ़ा हैं। ईपीएफओ (EPFO) ने अप्रैल 2022 में शुद्ध रूप से 17.08 लाख सदस्य जोड़े हैं। सालाना आधार पर इसमें 34 फीसदी का उछाल आया है।
लेबर मिनिस्ट्री ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि वेतन पर रखे गए कर्मचारियों (पेरोल) को लेकर ईपीएफओ के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2022 में शुद्ध रूप से 17.08 लाख सदस्य जुड़े हैं। सालाना आधार पर अप्रैल 2021 के मुकाबले अप्रैल 2022 में सदस्यों की संख्या में 4.32 लाख की वृद्धि हुई है। वहीं, पिछले साल अप्रैल के दौरान शुद्ध रूप से 12.76 लाख सदस्यों को जोड़ा गया था।
लेबर मिनिस्ट्री की रिपोर्ट के मुताबिक, आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली अग्रणी बने हुए हैं। उम्र के आधार पर पेरोल आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2022 के दौरान सबसे अधिक इजाफा 22-25 वर्ष के आयु वर्ग में हुआ। इस दौरान 4.30 लाख सदस्य जुड़े। इसके बाद 3.74 लाख की संख्या के साथ 29-35 आयु वर्ग का स्थान रहा। आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली अग्रणी बने हुए हैं। इन राज्यों ने अप्रैल 2022 के दौरान शुद्ध रूप से 11.60 लाख सदस्य जोड़े। वहीं, महिलाओं की संख्या शुद्ध रूप से अप्रैल 3.65 लाख रही। ईपीएफओ अप्रैल 2018 से पेरोल आंकड़ा जारी कर रहा है। इसमें सितंबर 2017 के बाद के आंकड़ों को शामिल किया गया है।
बीते वित्त वर्ष नए सदस्यों की संख्या 1.22 करोड़ पहुंची
आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021-22 में शुद्ध रूप से नए सदस्यों की संख्या बढ़कर 1.22 करोड़ हो गई। यह 2020-21 में 77.08 लाख, 2019-20 में 78.58 लाख और 2018-19 में 61.12 लाख थी। अप्रैल महीने के दौरान जोड़े गए कुल 17.08 लाख सदस्यों में से लगभग 9.23 लाख सदस्य पहली बार कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के सामाजिक सुरक्षा कवर के दायरे में आए।
पेंशन योजना के सब्सक्राइबर्स में आया 24% का उछाल
नियामक पीएफआरडीए की दो प्रमुख पेंशन योजनाओं के अंशधारकों की संख्या 31 मई के अंत तक 24 फीसदी बढ़कर 5.32 करोड़ पर पहुंच गई। सोमवार को जारी अधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पेंशन कोष विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFDA) ने एक विज्ञप्ति में कहा, "राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत विभिन्न योजनाओं में खाताधारकों की संख्या मई, 2022 के अंत तक बढ़कर 531.73 लाख पर पहुंच गई। मई, 2021 के दौरान यह संख्या 428.56 लाख थी। यह सालाना आधार पर 24.07 फीसदी अधिक है।