Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Mar, 2019 11:20 AM
दुनिया भर में निर्माण, रियल एस्टेट, भूमि विकास, मूल्यांकन और बुनियादी सुविधाओं के लिए पेशेवर तैयार करने वाली संस्था रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड सर्वेयर्स (आरआईसीएस) ने रेरा को भारतीय रियल्टी उद्योग और ग्राहक दोनों
नई दिल्लीः दुनिया भर में निर्माण, रियल एस्टेट, भूमि विकास, मूल्यांकन और बुनियादी सुविधाओं के लिए पेशेवर तैयार करने वाली संस्था रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड सर्वेयर्स (आरआईसीएस) ने रेरा को भारतीय रियल्टी उद्योग और ग्राहक दोनों के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि इससे मदद तब तक ही मिलेगी जब तक इसका सख्ती से क्रियान्वयन किया जाएगा।
आरआईसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीन टॉम्पकिन्स ने कहा कि रियल्टी क्षेत्र में रेरा का विचार बहुत अच्छा है लेकिन इसके क्रियान्वयन पर ध्यान देने की जरूरत है। इससे इस उद्योग और ग्राहक दोनों को लाभ होगा और भारतीय रियल्टी उद्योग का वैश्विक बाजार में विश्वसनीयता बढ़ेगी जिससे इस क्षेत्र में विदेशी निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले भारतीय रियल्टी उद्योग में तेजी के बल पर विदेशी निवेश आ रहा था लेकिन उसके बाद अमेरिका और यूरोप में बेहतर रिटर्न मिलने के कारण निवेशक वहां चले गए।
भारत को रियल्टी क्षेत्र में विदेशी निवेशक आकर्षित करने के लिए पारदर्शिता और नियमों को उदार बनाने की जरूरत है। जिन देशों में पारदर्शिता और उदार नियम हैं वहां अधिक विदेशी निवेश आते हैं। टॉम्पकिन्स ने कहा कि निर्माणाधीन भवनों पर जीएसटी में कमी किए जाने से इस क्षेत्र में मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी क्योंकि सुस्ती की वजह से रियल्टी क्षेत्र में मांग पहले से ही प्रभावित था और ऊंची कर दर के कारण इस पर विपरीत असर पड़ रहा था लेकिन अब जीएसटी दर में कमी किए जाने से इस उद्योग को बन मिलेगा।