Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 10:48 PM
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा कि जीएसटी दर युक्तिसंगत बनाने के निर्णय को चुनाव या किसी राजनीतिक मांग से जोडऩा बचकानी राजनीति है। वित्त मंत्री ने जीएसटी के तहत एकल कर दर को खारिज किया। उन्होंने कहा कि जो एकल दर की मांग कर रहे हैं...
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा कि जीएसटी दर युक्तिसंगत बनाने के निर्णय को चुनाव या किसी राजनीतिक मांग से जोडऩा बचकानी राजनीति है।वित्त मंत्री ने जीएसटी के तहत एकल कर दर को खारिज किया।
जेटली ने एकल कर दर की कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मांग को खारिज करते हुए कहा कि दर को और युक्तिसंगत बनाए जाने की गुंजाइश है लेकिन इसके बारे में कोई भी फैसला माल व सेवा कर (जीएसटी) से आने वाले राजस्व पर निर्भर करेगा। सरकार ने इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली का कार्यान्वयन जुलाई में किया था। जेटली ने कहा, ‘यह युक्तिसंगत बनाए जाने की प्रक्रिया 3-4 महीने की है। जीएसटी परिषद ने दर में कटौती का फैसला दर तय करने वाली फिटमेंट समिति क सिफारिश पर किया है। ’ उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद के फैसले ‘पूरी सहमति से किए गए निर्णय’ हैं। इसे किसी चुनाव या राजनीतिक मांग से जोडऩा वास्तव में ‘बचकानी राजनीति’ है।
उल्लेखनीय है कि जेतली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने पिछले सप्ताह 178 वस्तुओं पर कर की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया। कुछ अन्य उत्पादों की दर को तो इससे भी कम दायरे में की गई। कांग्रेस ने गुजरात में विधानसभा चुनाव अभियान में जीएसटी प्रणाली में ऊंची कर दरों व अनुपालन संबंधी दिक्कतों को चुनावी मुद्दा बनाया है और उसने दावा किया कि सरकार ने उसके दबाव के चलते ही यह कदम उठाया। इसके साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 18 प्रतिशत तक की एकल दर वाले जीएसटी कर की मांग की है।
जेटली ने दरों को युक्तिसंगत बनाए जाने के कदम के बारे में कि मुख्य उद्देश्य यही है कि पारगमन सुगम हो न कि बाधाकारी। जेटली ने कहा, ‘जो लोग एकल जीएसटी दर की मांग कर रहे हैं उन्हें शुल्क दर ढांचे की जानकारी नहीं है। खाद्य उत्पादों पर कर शून्य होगा। आम जनता के उपभोग वाली वस्तुओं को कम पांच प्रतिशत के निम्नतम कर स्लैब में रखना होगा।’ किसी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि जो एकल दर की बात कर रहे हैं उन्हें ‘जीएसटी की प्राथमिक जानकारी’ भी नहीं है।