RBI ने स्वर्ण मौद्रिकरण योजना में संशोधन किया

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jun, 2018 11:30 AM

rbi amends gold monetisation scheme to make it more attractive

रिजर्व बैंक ने स्वर्ण मौद्रिकरण योजना (जीएमएस) को आकर्षक बनाने के लिए इसमें कुछ बदलाव किया है। योजना में सुधार का मकसद लोगों को स्वर्ण बचत खाता खोलने को सुगम बनाना है।

मुंबईः रिजर्व बैंक ने स्वर्ण मौद्रिकरण योजना (जीएमएस) को आकर्षक बनाने के लिए इसमें कुछ बदलाव किया है। योजना में सुधार का मकसद लोगों को स्वर्ण बचत खाता खोलने को सुगम बनाना है। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि अल्पकालीन जमा को बैंक के बही-खाते पर देनदारी के अनुरूप माना जाना चाहिए। इसमें कहा गया है, ‘‘यह जमा मनोनीत बैंकों में एक से 3 साल के लिए किया जाएगा। अन्य अवधि के लिये भी जमा की अनुमति होगी। यह एक साल तीन महीने , दो साल चार महीने पांच दिन आदि हो सकता है।’’

आरबीआई के अनुसार अलग-अलग अवधि के लिए ब्याज दर का आकलन पूरे हुए वर्ष तथा शेष दिन के लिए देय ब्याज पर तय किया जाएगा। सरकार ने 2015 में यह योजना शुरू की थी। इसका मकसद घरों तथा संस्थानों में रखे सोने को बाहर लाना और उसका बेहतर उपयोग करना है। मध्यम अवधि सरकारी जमा (एमटीजीडी) 5 से 7 साल के लिए तथा दीर्घकालीनल सरकारी जमा 12 साल के लिए किया जा सकता है। इस बारे में केंद्र सरकार समय-समय पर फैसला करेगा। इसके अलावा अन्य अवधि (एक साल तीन महीने, दो साल चार महीने पांच दिन आदि) के लिए भी जमा किया जा सकता है। योजना बैंक ग्राहकों को निष्क्रिय पड़े सोने को निश्चित अवधि के लिए जमा करने की अनुमति देती है। इस पर ब्याज 2.25 से 2.50 प्रतिशत है। 

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