Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jun, 2020 05:14 PM
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (पीआईडीएफ) बनाने की घोषणा की। यह फंड 250 करोड़ रुपए के शुरुआती योगदान के साथ बनाया जाएगा।
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (पीआईडीएफ) बनाने की घोषणा की। यह फंड 250 करोड़ रुपए के शुरुआती योगदान के साथ बनाया जाएगा। इस फंड से टीयर-3 से लेकर टीयर-6 तक के केंद्रों और पूर्वोत्तर राज्यों में कारोबारियों को प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
पीओएस मशीन के जरिए कारोबारी डिजिटल तरीके से भुगतान स्वीकार सकते हैं। इससे उन्हें नकदी को संभालने की जरूरत नहीं रहती। पिछले कुछ समय से रिजर्व बैंक देश में ई-भुगतान प्रणालियों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि समय के साथ देश के भुगतान इकोसिस्टम में कई विकल्प सामने आते गए हैं। इनमें बैंक अकाउंट, मोबाइल फोन, कार्ड, आदि शामिल हैं। भुगतान प्रणाली के डिजिटाइजेशन को और बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में एक्सेप्टेंस इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को बढ़ावा देने की जरूरत है। खासकर पिछड़े क्षेत्रों में इसे बढ़ावा देने की और भी ज्यादा जरूरत है।
500 करोड़ रुपए का होगा फंड
भारतीय रिजर्व बैंक के बयान के मुताबिक यह फंड 500 करोड़ रुपए का होगा। आरबीआई 250 करोड़ रुपए के शुरुआती योगदान के साथ इसे शुरू करेगा। बाकी आधी राशि देश में काम कर रहे कार्ड इशुइंग बैंक और कार्ड नेटवर्क लगाएंगे।
फंड को नियमित अंतराल पर अन्य पूंजी भी मिलती रहेगी
बयान के मुताबिक परिचालन खर्चों को पूरा करने के लिए पीआईडीएफ को कार्ड जारी करने वाले बैंकों और कार्ड नेटवर्क से नियमित अंतराल पर अन्य नकदी योगदान भी मिलता रहेगा। जरूरत पड़ने पर आरबीआई सालाना आधार पर पूंजी में होने वाली कमी को भी पूरा करता रहेगा। पीआईडीएफ आरबीआई के पर्यवेक्षण के तहत काम करेगा। इसका परिचालन एक एडवायजरी काउंसिल करेगा।