Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Mar, 2018 12:58 PM
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से 2011 तक की सभी बैंक गारंटी (एलओयू) का ब्यौरा देने को कहा है। पी.एन.बी. घोटाले के बाद केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया।
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से 2011 तक की सभी बैंक गारंटी (एलओयू) का ब्यौरा देने को कहा है। पी.एन.बी. घोटाले के बाद केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया।
सूत्रों के मुताबिक, पिछले हफ्ते बैंकों को लिखे पत्र में रिजर्व बैंक ने सभी एलओयू और बकाया राशि की जानकारी मांगी है। कोई भी खामी पाए जाने पर पूरी व्यवस्था को जांचा जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि बकाया राशि को बही खाते में सही तरह से दर्ज किया गया है या नहीं।
निवेशक स्थानीय बैंकों से एलओयू लेकर विदेशी शाखाओं से सस्ता कर्ज हासिल करते हैं। इस तरह के लेनदेन के लिए स्विफ्ट प्रणाली का इस्तेमाल होता है। पी.एन.बी. में घोटाला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ने 30 अप्रैल स्विफ्ट प्रणाली को कोर बैंकिंग सिस्टम (सी.बी.एस.) से अनिवार्य रूप से जोड़ने का निर्देश भी बैंकों को दिया है। बैंक का कहना है कि कुछ अधिकारियों ने स्विफ्ट प्रणाली से भेजे गए संदेशों को सी.बी.एस. में दर्ज करने की अनिवार्यता नहीं होने का गलत लाभ उठाया। उन्होंने फर्जी तरीके से एलओयू जारी किए और सी.बी.एस. में दर्ज नहीं करते हुए उस धांधली को पकड़ में नहीं आने दिया।