Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Jun, 2021 11:56 AM
भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को भुगतान प्रणाली परिचालकों (पीएसओ) में उन क्षेत्रों की नई इकाइयों के निवेश को लेकर पाबंदी लगा दी, जहां की वित्तीय प्रणाली में मनी लांड्रिंग और आतंकवाद वित्त पोषण गतिविधियों से निपटने की व्यवस्था कमजोर है।
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को भुगतान प्रणाली परिचालकों (पीएसओ) में उन क्षेत्रों की नई इकाइयों के निवेश को लेकर पाबंदी लगा दी, जहां की वित्तीय प्रणाली में मनी लांड्रिंग और आतंकवाद वित्त पोषण गतिविधियों से निपटने की व्यवस्था कमजोर है। वित्त कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) समय-समय पर मनी लांड्रिंग और आतंकवाद वित्त पोषण गतिविधियों से निपटने के लिए कमजोर व्यवस्था वाले क्षेत्रों को चिन्हित करता रहता है। जो क्षेत्र उच्च जोखिम और अधिक निगरानी की जरूरत वाली श्रेणी में नहीं आते, उन्हें एफएटीएफ नियमों के अनुपालन वाला माना जाता है।
आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘एफएटीएफ के अनुसार नियमों का पालन नहीं करने वाले क्षेत्रों से भुगतान प्रणाली परिचालकों में निवेश को उन क्षेत्रों के समरूप नहीं माना जाएगा, जहां वित्त कार्रवाई कार्यबल के प्रावधानों का बेहतर तरीके से अनुपालन होता है।'' इसमें कहा गया है कि एफएटीएफ के अनुसार मनी लांड्रिंग और आतंकवादी गतिविधियों के वित्त पोषण से निपटने के लिए कमजोर कायदा कानून वाले क्षेत्रों की इकाइयों/निवेशकों को पीएसओ में सीधे तौर पर या परोक्ष रूप से से अधिग्रहण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अधिसूचना के अनुसार, ‘‘ऐसे क्षेत्रों से सकल रूप से प्रत्यक्ष निवेश (सीधे या परोक्ष) पीएसओ के मतदान अधिकार (संभावित वोटिंग अधिकार समत) का 20 प्रतिशत से कम होना चाहिए। पाबंदी केवल नये निवेशकों पर लागू होगी।'' आरबीआई ने कहा कि पीएसओ के मौजूदा निवेशक जिन्होंने एफएटीएफ के वर्गीकरण से पहले निवेश कर रखा है, वे अपना निवेश जारी रख सकते हैं। ऐसे निवेशक देश में कारोबार को समर्थन देने के लिए नियमों के तहत अतिरिक्त निवेश ला सकते हैं। एफएटीएफ वैश्विक मनी लांड्रिंग और आतंकवाद वित्त पोषण पर नजर रखने वाला निकाय है।