RBI ने इस बैंक का किया लाइसेंस कैंसिल, जारी हुआ कारण बताओ नोटिस

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Apr, 2021 12:37 PM

rbi can cancel the license of another bank show cause notice issued

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) माइक्रो फाइनेंस कंपनी संबंध फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस रद्द करने की तैयारी कर रहा है। आरबीआई ने लाइसेंस रद्द करने से पहले आर्थिक संकट का सामने कर रहे और घोटाले के आरोपों से घिरे इस बैंक को कारण

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) माइक्रो फाइनेंस कंपनी संबंध फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस रद्द करने की तैयारी कर रहा है। आरबीआई ने लाइसेंस रद्द करने से पहले आर्थिक संकट का सामने कर रहे और घोटाले के आरोपों से घिरे इस बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एक अंग्रेजी वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, बैंक का नेटवर्थ RBI द्वारा तय की गई लिमिट से कम होने लगा और हाल के महीनों में बैंक की वित्‍तीय भी काफी खराब हुई है। इसी के मद्देनजर RBI अब बैंक का लाइसेंस रद्द करने जा रहा है।

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रद्द क्यों न किया जाए Licence?
रिपोर्ट में बताया गया कि ‘संबंध फिनसर्व’ को आरबीआई ने कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर उसका लाइसेंस रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए? बैंक के नेटवर्थ में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि बैंक का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने फिलहाल इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है और न ही ‘संबंध फिनसर्व’ की तरफ से ऐसी कोई जानकारी सामने आई है।

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ये है नियम
आपको बता दें कि संबंध फिनसर्व का रजिस्ट्रेशन NBFC-MFI के तौर पर हुआ है। RBI के नियमों के तहत, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के लिए टियर-1 और टियर-2 के तौर पर एक निश्चत कैपिटल बनाए रखना अनिवार्य होता है। साथ ही यह अमाउंट उनके कुल जोखिम यानी aggregate risk-weighted assets का कम से कम 15% होना चाहिए। मार्च 2020 में संबंध फिनसर्व का ऐसेट्स अंडर मैनेजमेंट 461 करोड़ रुपए था। कोपनी को इस दौरान 5.22 करोड़ रुपए का प्रॉफिट भी हुआ। साथ ही इसका NPA 0.67% था। 

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CEO ही घोटाले का मुख्य आरोपी
संबंध फिनसर्व में हुए स्कैम का मुख्य आरोपी कंपनी के CEO दीपक किंडो को बताया जा रहा है जिसे चेन्नीई के इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने गिरफ्तार किया था। दरअसल, पिछले साल 7 अक्टूरबर को सीनियर मैनेजमेंट नें बैंक निदेशक बोर्ड को एक लेटर लिखा, जिसमें कहा गया कि बैंक के MD दीपक किंडो मैनेजमेंट के साथ मिलकर वित्तम वर्ष 2015-16 से ही बैंक के फाइनेंशियल बुक के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं।

ये हैं आरोप
इस मामले में संबंध फिनसर्व के मैनेजमेंट के एक हिस्से़ ने जो लेटर भेजा है, उसमें दावा किया गया है कि टॉप मैनेजमेंट के कुछ अधिकारी फर्जी लोन अकाउंट्स बनाते थे। यह सब दीपक किंडो और क्रेडिट हेड की देखरेख में हो रहा था। लेटर में कहा गया कि बैंक का एसेट अंडर मैनेजमेंट पोर्टफोलियो 140 करोड़ रुपए का हैष जबकि, कंपनी ने बताया कि AUM 391 करोड़ रुपए का है यानी 251 करोड़ रुपए का स्कैम हुआ है। 
 

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