Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Mar, 2018 04:15 PM
भारतीय रिजर्व बैंक अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता है। मॉर्गेन स्टैनली की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा केंद्रीय बैंक अपने तटस्थ रुख पर भी बना रहेगा।
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता है। मॉर्गेन स्टैनली की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अलावा केंद्रीय बैंक अपने तटस्थ रुख पर भी बना रहेगा।
वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी का मानना है कि भारत की वृद्धि दर हालांकि बढ़ रही है, लेकिन सुधार अभी शुरुआती चरण में है। ऐसे में तटस्थ रुख कायम रखने की जरूरत है। मॉर्गन स्टेनली के शोध नोट में कहा गया है कि वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के रुख को देखकर ऐसा अनुमान है कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अपना तटस्थ रुख कायम रखेगी। केंद्रीय बैंक की अगली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पांच अप्रैल को होनी है। फरवरी की बैठक में एमपीसी ने नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया था।
जनवरी- फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति औसतन 4.8 प्रतिशत रही थी। यह रिजर्व बैंक के मार्च तिमाही के 5.1 प्रतिशत के अनुमान से कुछ कम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वृद्धि के मोर्चे पर दिसंबर, 2017 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है। नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से पैदा हुई दिक्कतें अब दूर होने लगी हैं।