Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jun, 2019 12:21 PM
मौद्रिक नीति समिति की पिछली बैठक के ब्योरे से पता चलता है कि आरबीआई के नीतिगत रुख में बदलाव से भविष्य में रेपो दर में और कटौती हो सकती है। वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक प्रतिष्ठित कंपनी की शुक्रवार जारी रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
मुंबईः मौद्रिक नीति समिति की पिछली बैठक के ब्योरे से पता चलता है कि आरबीआई के नीतिगत रुख में बदलाव से भविष्य में रेपो दर में और कटौती हो सकती है। वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक प्रतिष्ठित कंपनी की शुक्रवार जारी रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने छह जून को मौद्रिक नीति समीक्षा समिति की बैठक में मौद्रिक नीति रुख को ‘नरम' कर के निर्णय के बारे में कहा था कि रुख में बदलाव को इस रूप देखा जाना चाहिए कि भविष्य में नीतिगत दर में वृद्धि नहीं होगी। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने कहा कि दास का बयान नीतिगत रुख के बारे में तकनीकी परिभाषा को बताता है।
उसने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि एमपीसी सदस्यों ने स्पष्ट तौर पर संकेत दिया कि नीतिगत दर में नरमी को लेकर आर्थिक माहौल अधिक अनुकूल हो गया है। रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती और रुख को बदलकर ‘नरम' करने से इस विचार की पुष्टि होती है।'' रिपोर्ट के मुताबिक एमपीसी के ज्यादातर सदस्य अगस्त में होने वाली बैठक में नीतिगत दर में कटौती का समर्थन कर सकते हैं।